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इलाज को अंधविश्वास का सहारा

धामपुर (बिजनौर): मजदूरी करने गया एक युवक करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। परिजनों ने उसे

By Edited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 10:45 PM (IST)
इलाज को अंधविश्वास का सहारा

धामपुर (बिजनौर): मजदूरी करने गया एक युवक करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। परिजनों ने उसे एक निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया, जहां उसे लाइलाज घोषित कर दिया गया। परिजनों ने किसी की सलाह पर ठीक करने के लिए उसे गोबर में दबा दिया।

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कोतवाली क्षेत्र के ग्राम दीत्तनपुर निवासी 22 वर्षीय मोनू पुत्र देवेन्द्र गुरुवार सुबह नई सराय में अपने भाई विपिन के साथ मजदूरी करने गया था। इस दौरान वह समर्सिबल चलाते समय करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। उसके भाई ने अन्य लोगों की मदद से उसे स्थानीय एक निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया तथा इसकी सूचना परिजनों को दी। बताया जाता है कि चिकित्सक ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए लाइलाज घोषित कर दिया। परिजनों ने अपने स्तर पर इलाज शुरू कराते हुए उसे गांव में पड़ी गोबर की कूड़ी में दबा दिया। उधर, सीएचसी प्रभारी डा.ओपी यादव ने गोबर में दबाकर उपचार दिए जाने को अंधविश्वास बताया। कोतवाल मुनीश चंद्र शर्मा ने ऐसे किसी मामले की जानकारी से इन्कार किया।


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