मानदेय न मिलने से परेशान संविदाकर्मी ने खुदकशी की
नूरपुर (बिजनौर): पगार से मौत के कगार तक की कहानी करुणा भरी है। बाईस माह से मानदेय को तरस रहा बिजली व
नूरपुर (बिजनौर): पगार से मौत के कगार तक की कहानी करुणा भरी है। बाईस माह से मानदेय को तरस रहा बिजली विभाग का एक संविदाकर्मी आखिरकार, टूट गया। उसने खुदकशी कर ली। पूरा गांव हतप्रभ है। इस घटना को लेकर बिजली विभाग के अफसर भी चुप हैं।
विकास खंड क्षेत्र के गांव रायपुरी बिज्जू निवासी विक्रम ¨सह (42 वर्षीय) पैजनिया बिजलीघर पर संविदा पर लाइनमैन के पद पर तैनात था। विक्रम ¨सह को 22 माह से मानदेय नहीं मिला था। इससे वह परेशान रहता था। घर में चूल्हे ठंडे पड़ गए थे। परिवार में रोटी के लाले ही नहीं पड़े बच्चों की पढ़ाई बंद करानी पड़ी। विक्रम के परिजनों का कहना है कि दो साल से विभागीय ठेकेदार उसे एक पाई नहीं दे रहा था। हैरान विक्रम सिंह गुरुवार को रोजाना की भांति सुबह 10 बजे ड्यूटी पर गया था। शाम पांच बजे ड्यूटी से घर आ गया। परिजनों के अनुसार रात को करीब ढ़ाई बजे उसका शव पंखे से लटका मिला। पता चला तो परिजनों में कोहराम मच गया। शुक्रवार सुबह शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। समाचार भेजे जाने तक घटना के संबंध में कोई तहरीर नहीं दी गई है। मृतक संविदाकर्मी अपने पीछे पत्नी संगीता के अलावा पुत्री भावना 16 वर्ष, प्रज्ञा 12 वर्ष एवं पुत्र आर्य 9 वर्ष को रोता-बिलखता छोड़ गया है। पत्नी व तीनो बच्चों का रोते-रोते बुरा हाल था।
जनवरी में की थी भूख हड़ताल
मानदेय की मांग को लेकर विक्रम सिंह गत जनवरी माह में अधिशासी अभियंता कार्यालय चांदपुर के समक्ष कई दिन तक भूख हड़ताल पर बैठा था। इस दौरान उसकी हालत बिगड़ जाने पर अधिकारियों ने उसे अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया था। बाद में उसे दो माह का मानदेय भुगतान कर दिया गया था।