..और ट्रैक पर 'पैसेंजर' बन जाती हैं एक्सप्रेस ट्रेनें
राजनारायण कौशिक, नजीबाबाद (बिजनौर)। जम्मूतवी-कोलकाता रेल ट्रैक पर स्थित नजीबाबाद-लक्सर के बीच सभी
राजनारायण कौशिक, नजीबाबाद (बिजनौर)।
जम्मूतवी-कोलकाता रेल ट्रैक पर स्थित नजीबाबाद-लक्सर के बीच सभी ट्रेंने 'पैसेंजर' बन जाती हैं। यही वजह है कि इस ट्रैक पर पिछले एक साल से सभी ट्रेनें काशन (सावधान स्पीड) पर चलाई जा रही हैं।
जम्मूतवी-कोलकाता ट्रैक पर नजीबाबाद से लक्सर के बीच अकालतख्त एक्सप्रेस, राप्ती गंगा एक्सप्रेस, लोहित एक्सप्रेस, टाटा नगर, उपासना एक्सप्रेस, चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस, गुवाहाटी-अमृतसर एक्सप्रेस, मसूरी एक्सप्रेस, गढ़वाल एक्सप्रेस, बरौनी एक्सप्रेस, हिमगिरी एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस समेत करीब 120 ट्रेंने 24 घंटे में गुजरती हैं। रेलवे सूत्रों का कहना है कि लक्सर के बीच साल 1997-98 में बिछाई गई रेल लाइन का अधिक घिसाव होने की वजह से इन सभी ट्रेनों को नजीबाबाद-फजलपुर और बालावाली-रायसी के बीच पिछले एक साल से काशन पर (सावधान स्पीड) 45 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जा रहा है, जबकि इन ट्रेनों की रफ्तार 95 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि मौज्जमपुर-गजरौला रेल लाइन पर गुजरने वाली लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, गढ़वाल एक्सप्रेस और नजीबाबाद-गजरौला पैसेंजर ट्रेन को मौज्जमपुर-किरतपुर समेत कई अन्य स्थानों पर काशन पर 45 किलोमीटर की स्पीड में चलाया जा रहा है। बताते हैं कि उक्त ट्रैक मालगाड़ियों के लिए कमजोर है। यही वजह है कि अभी इन दोनों ट्रैक पर सुपरफास्ट समेत सभी ट्रेन 'पैसेंजर' बन जाती हैं।
स्टेशन मास्टर देते हैं काशन
घिसाव की वजह से तीव्र गति से चलने वाली ऐसी ट्रेनों को काशन मुरादाबाद में स्टेशन मास्टर द्वारा दिया जाता है, जिनका ठहराव नजीबाबाद में नहीं है। वहीं नजीबाबाद स्टेशन पर ठहराव वाली ट्रेनों को नजीबाबाद में स्टेशन मास्टर काशन देते हैं।