..तो कैसे फलीभूत होगा सपना
भदोही: सब पढ़ें,सब बढ़ें। शासन का यह सपना कैसे होगा पूरा। जब एक कंधे पर हो अलग-अलग कक्षाओं के 155 बच्चों का भार। यह बात समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर पढ़ाई कैसे हो। जी हां कालीन नगर भदोही में स्थित एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय की दशा यही है।
शिक्षा है अनमोल रतन, आओ सब मिल करें जतन। छह से 14 वर्ष तक का एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहने पाए। शासन की इस मंशा की पूर्ति के लिए देखा जाय तो सर्व शिक्षा अभियान के तहत तमाम कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। गरीब परिवार का बच्चा प्राथमिक शिक्षा से दूर न रहने पाए नि:शुल्क पुस्तक, यूनिफार्म से लेकर छात्रवृत्ति यहां तक की बच्चों को दोपहर भोजन देने के लिए मध्याह्न भोजन योजना के नाम पर प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हें। बावजूद इसके भदोही नगर क्षेत्र के एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा के लिए सबसे महती आवश्यकता समझे जाने वाले शिक्षकों की तैनाती पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां मात्र एक शिक्षक के सहारे कक्षा छह आठ तक के 155 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस स्थिति में लोगों को यह समझ में नहीं आ पा रहा है कि एक शिक्षक अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को कैसे पढ़ा पाएगा। इसके अतिरिक्त विभागीय कार्य करने हो सो अलग। इस संबंध में खंड शिक्षाधिकारी धर्मेद्र मौर्य का कहना रहा कि नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के प्रोन्नति के बाद ही और शिक्षक की तैनाती हो सकती है। बताया कि वैसे इस समस्या को पहले ही उठाया जा चुका है।
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