कामयाबी के लिए नबी की सुन्नतों पर अमल जरूरी
भदोही : आला हजरत अहमद रजा खां फाजिल बरेलवी सुन्नीयत के ताजदार थे। आपने भटके हुए लोगों को न सिर्फ सही
भदोही : आला हजरत अहमद रजा खां फाजिल बरेलवी सुन्नीयत के ताजदार थे। आपने भटके हुए लोगों को न सिर्फ सही रास्ता दिखाया बल्कि सुन्नीयत को फरोग देने में अहम किरदार अता किया।
शनिवार की रात मर्यादपट्टी स्थित कुतुब भदोही के आस्ताने पर आयोजित जश्ने इमाम अहमद रजा कांफ्रेंस में खिताब करते हुए वाराणसी से आए मौलाना नूर आलम ने उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि नबी की सुन्नतों पर अमल कर ¨जदगी में कामयाबी पाई जा सकती है। इसके लिए यानी आला हजरत से सबक लेना होगा। कहा कि आला हजरत ने अपनी ¨जदगी में जहां सुन्नतों को पूरी तरह उतार लिया था वहीं लोगों को सुन्नते मुस्तफा पर अमल करने का दर्स दिया। मौलाना ने आला हजरत के यौमे विलादत पर जश्न मनाने की अपील करते हुए कहा कि गलियों, गलियों, शहरों-शहरों जलसों का एहतमाम होना चाहिए, ताकि आपके पैगाम को आम किया जा सके। इस दौरान उन्होंने आला हजरत की ¨जदगी के कई अहम वाकयात पर रौशनी डाली। इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन से किया गया। शायरों रईस कौसर जमाली, उस्मान रजा झारखंडी, शोएब रजा, मकबूल खां, हाजी आजाद खां ने नाते रसूल का नजराना पेश किया। सदारत मुफ्ती इस्माइल कादरी, निजामत हाफिज शाहिद रजा ने किया।
इससे पहले मदरसा शमसिया तेगिया में कराए मकाला (निबंध) प्रतियोगिता में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले तोलबा (छात्रों) को इनामात से नवाजा गया।
इस मौके पर विधायक जाहिद बेग, हाजी अब्दुस्सलाम खां रिजवी, हाजी मुनीर अंसारी हाजी नुरुल हसन, इश्तियाक डायर, मौलाना अब्दुस्समद जेयाई, मौलाना फैसल हुसैन अशरफी, हाफिज तबरेज, जमील नेता, मजहर अंसारी, नसीम खां, याकूब कुरैशी, नुरैन खां, खुर्शीद खां आदि रहे।