टल गई सीटों के आरक्षण की तिथि
ज्ञानपुर (भदोही) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची तैयार करने वाले अफसरों की मेहनत पर पानी फ
ज्ञानपुर (भदोही) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची तैयार करने वाले अफसरों की मेहनत पर पानी फिर गया। शासन ने ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य सीटों के आरक्षण सूची के प्रकाशन तिथि को टालते हुए ब्लाक प्रमुख सीटों की सूची को भी नये सिरे से जारी करने को कहा है। उधर रात-दिन एक कर सूची तैयार करने में लगे कर्मियों एवं अधिकारियों की सांस अटकी हुई है। उनका कहना है कि पुराने व्यवस्थाओं पर सूची जारी करने का निर्देश मिल गया तो ठीक है नहीं तो एक बार फिर चार्ट तैयार करने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।
पंचायत चुनाव में आरक्षण चार्ट घोषित करने के ठीक पहले शासन ने प्रकाशन तिथि को टाल दिया है। अब ग्राम प्रधान, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्यों के सीटों का आरक्षण चार्ट छह सितम्बर को प्रकाशित किया जाएगा। यही नहीं शासन ने गत दिनों ब्लाक प्रमुख सीट के जारी आरक्षण चार्ट को भी नये सिरे से जारी करने को कहा है। बताते चलें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण चार्ट को घोषित करने के लिए दो सितंबर को तिथि नियत की गई थी।
नेताओं के दबाव से जूझ रहे अधिकारी सूची जल्द से जल्द फाइनल करने में दिन- रात एक कर दिए थे। सत्ता और गैर सत्तादल के माननीय अपने अनुसार सीटें आरक्षित कराने को ताकत लगा दिए थे। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और अपर जिलाधिकारी के अलावा अन्य अधिकारी कैंप कार्यालय पर पंचायत विभाग द्वारा तैयार सूची पर कसरत करते रहे।
यही नहीं आरक्षण को अपने हिसाब से कराने के लिए सत्तापक्ष के लोग सबसे अधिक सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे थे। कई माननीय तो कुंडली मारकर अधिकारियों के यहां बैठ गए थे लेकिन उनकी एक नहीं चली। उधर शासन ने आरक्षण चार्ट को जारी करने की तिथि को ही निरस्त करते हुए आगे बढ़ा दी। राजनीतिक समीक्षक बताते हैं कि पुराने व्यवस्था से सत्ता पक्ष के कई दिग्ग्जों की गणित गड़बड़ा जा रही थी।
इसलिए शासन ने तिथि को आगे बढ़ाते हुए नई नीति बनाने की तैयारी में है। उनका मानना है कि यह तिथि अभी और आगे खिसक सकती है। जब तक सत्ता पक्ष के लोगों की गणित ठीक नहीं बैठेगी तब तक प्रकाशन नहीं किया जा सकेगा। स्थिति चाहे जो हो लेकिन अफसरों के मेहनत पर पानी फिर गया।
घनघनाते रहे अफसरों के फोन
आरक्षण चार्ट जारी होने की जानकारी लेने के लिए अफसरों के फोन घनघनाते रहे। दरअसल दो सितम्बर को ग्राम प्रधान, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्यों के सीट का आरक्षण चार्ट जारी होना था लेकिन निर्धारित तिथि टल जाने से सूची का प्रकाशन नहीं हो सका। अधिसंख्य लोग जानकारी के अभाव में ब्लाक से लेकर विकास भवन तक चक्कर लगाते रहे। जिला पंचायत राज अधिकारी राम आसरे दुबे पूरे दिन प्रकाशन की तिथि बताते- बताते थक गए। मोबाइल कुछ देर के लिए स्वीच आफ करने पर ही राहत मिला।
संभावित प्रत्याशियों में रही मायूसी
आरक्षण की सूची जारी होने को लेकर ब्लाक, कलेक्ट्रेट एवं विकास भवन पहुंचे संभावित प्रत्याशियों को मायूस होकर लौटना पड़ा। सबसे खराब स्थिति तो उनकी हो गई है जो संभावित प्रत्याशी अब तक गांव में तरह-तरह के आयोजन कर वोटरों को रिझाने में जुटे थे। सीट अनारक्षित होगा या फिर आरक्षित इसको लेकर न तो दिन को चैन मिल रहा है और न रात में नींद आ रही है।
लाखों रुपये अब तक समाज सेवा के रूप में खर्च कर चुके हैं। यही नहीं प्रधानी के लालच में ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत कर जीवन भर के लिए एक बखेड़ा भी खड़ा कर लिया है। हालांकि तिथि टलने के बाद एक बार फिर आका पर उनकी आस टिकी हुई है।