इंसान का रुतबा बुलंद करती है तालीम
भदोही : तालीम इंसान का रुतबा बुलंद करती है। एक तालीमयाफ्ता सैकड़ों लोगों को ईल्म की दौलत से मालामाल क
भदोही : तालीम इंसान का रुतबा बुलंद करती है। एक तालीमयाफ्ता सैकड़ों लोगों को ईल्म की दौलत से मालामाल कर सकता है। शनिवार की रात मर्यादपट्टी स्थित मदरसा शमसिया तेगिया के सालाना दस्तारबंदी के मौके पर हुए जलसे में खिताब करते हुए नागपुर (महाराष्ट्र) से आए मौलाना फारूख रिजवी मेराज ने उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि मदरसों की तालीम का दायरा महदूद नहीं रहा बल्कि अब साइंस व टेक्नालाजी से भी मदरसे आरास्ता हो चुके हैं, इसलिए फारेगीन की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। कहा कि इस्लाम व शरीयत की पाकीजगी बयान करने के साथ साथ मुल्क व समाज के लिए भी कुछ बेहतर करने का जज्बा होना चाहिए। उन्होंने हुफ्फाज व आलिम की डिग्री हासिल करने वाले तोलबा (छात्रों) को ईमानदारी के साथ दीन व दुनियां की खिदमत में लग जाने की हिदायत की।
इससे पहले मेराजुन्नबी के उनवान से तकरीर करते हुए कहा जो अल्लाह के महबूब बंदे होते हैं उनके लिए कोई चीज नामुमकिन नहीं है। इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से किया गया। चिरईकोट से आए बुजुर्ग अलीम मौलाना अब्दुल मुबीन नोमानी ने तकरीर की। इस मौके मौलाना फैसल हुसैन अशर्फी, मुफ्ती खुर्शीद आलम अशर्फी, मो.इस्माइल मिस्बाही, अब्दुल सलाम खां, कारी आफताब आलम, नूरैन खां, नईम खां, जमील नेता, हाफिज तबरेज, कारी मो. अरमान, जावेद अंसारी आदि रहे।
कई लोगों को साफा बांध कर दी उपाधि
मदरसा शमसिया तेगिया के सालाना दस्तारबंदी के मौके पर तीन को आलिम, सात को हाफिज व पांच लोगों को कारी की उपाधि से नवाजा गया। चिरैयाकोट मऊ से पीर-ए-तरीकत हजरत अल्लामा मौलाना अब्दुल मुबीन नोमानी ने जलसा-ए-दस्तार फारगत में साफा बांध कर उपाधि दी।