पटाखों से अधिकतर लोगों की तौबा
भदोही : पर्व के अवसर पर पटाखे पर अंकुश लगाने के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। दैनिक जागरण के समाचा
भदोही : पर्व के अवसर पर पटाखे पर अंकुश लगाने के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। दैनिक जागरण के समाचारीय अभियान के साथ विभिन्न स्कूलों में बच्चों को दिलाए गए संकल्प का असर गुरुवार को देखने में आया।
पटाखों का उपयोग पर्यावरण, स्वास्थ्य, आर्थिक हानि सहित कई मायनों में नुकसानदेह होता है। यही कारण है कि पटाखे के अत्यधिक उपयोग को लेकर जागरण ने दो सप्ताह पहले से ही अभियान छेड़ दिया था। इस दौरान विभिन्न स्कूलों में पटाखे से होने वाले नुकसान से अवगत कराते हुए पटाखे न चलाने का संकल्प दिलाया गया था। गुरुवार को इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। हालांकि ऐसा नहीं है कि पर्व पर पटाखा ही नहीं बजा लेकिन पहले की अपेक्षा लोगों में भारी जागरुकता देखी गई।
अधिकतर बच्चों ने फुलझड़ी सहित रौशनी करने वाले हल्के फुल्के आइटमों का प्रयोग किया, जबकि युवाओं ने पटाखे को लेकर अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसे बड़ी सफलता मानते हुए आचार्य आलोक शास्त्री ने कहा कि यह बदलाव स्वागत योग्य है। कहा कि ऐसा नहीं है कि लोग पटाखे से होने वाली हानि से वाकिफ नहीं हैं बशर्ते अपने आप को रोक नहीं पाते। कहा कि इस स्वस्थ्य परंपरा को आगे भी जारी रखने की जरूरत है।
सजी पटाखों की दुकानें
दीपावली के दिन जगह जगह पंजिकृत पटाखे की दुकानें सजाई गई थीं। इस दौरान बच्चों में व्यापक उत्साह देखा गया। हालांकि तेज आवाज वाले पटाखों से अधिकतर लोगों ने परहेज किया। गिने चुनें युवाओं को छोड़कर भारी भरकम आवाज वाले पटाखों की खरीदारी कम हुई।