बेलगाम कर्मचारी, ध्वस्त बिजली
भदोही : भले ही इन दिनों बिजली की समस्या प्रदेश व्यापी है लेकिन कालीन नगरी की सप्लाई व्यवस्था लापरवाह अधिकारियों व बेलगाम हो चुके कर्मचारियों के कारण गंभीर रूप ले चुकी है। विभागीय आदेश के बावजूद हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर कायम हैं। लापरवाही का दंश जनता को भुगतना पड़ रहा है।
जनता बिजली समस्या से भले ही कराह रही है लेकिन विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं है। प्रदेश व्यापी विद्युत संकट तो लोग जैसे तैसे झेल लेते हैं लेकिन लोकल फाल्ट के चलते होने वाली कटौती बरदाश्त करना मुश्किल हो गया है। विशेषकर गंभीर फाल्ट होने के बाद विभागीय अधिकारी बगले झांकने लगते हैं।
कर्मचारियों के अभाव संसाधनों की कमी के चलते दो घंटे का कार्य 10 घंटे में पूरा होता है। इस दौरान सप्लाई गुल रहती है तथा जनता बेहाल हो जाती है। यह क्रम उपकेंद्र की स्थापना से लेकर अब तक जारी है। बताते चलें कि स्पाउट, ट्राली, इनकमिंग जलने की हालत में विभाग बेबस हो जाता है। कारण यह है कि उनके पास न तो उपकरण उपलब्ध हैं न ही संसाधन।
ऐसी अवस्था में वाराणसी अथवा अन्यत्र से उपकरण जब तक मंगाया जाता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। नजीर के तौर पर गुरुवार की रात लगभग 11.30 बजे उपकेंद्र स्थित स्पाउट, ट्राली तथा इनकमिंग जलने के बाद जरूरी उपकरण के अभाव में विभाग असहाय हो गए। इस दौरान शुक्रवार को वाराणसी से उपकरण मंगाकर मरम्मत करते करते रात के आठ बजे गए। इस दौरान पूरे 24 घंटे के बाद रात नौ बजे सप्लाई बहाल हुई।
बगली झांकने लगते अधिकारी
लोकल फाल्ट पर अंकुश लगाने की तमाम कवायदें अब बेकार साबित हुई हैं। इसके लिए कहीं न कहीं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार माना जाता है। इमरजेंसी से निपटने के लिए उपकेंद्र पर कोई इंतजाम नहीं है। यही कारण है कि गंभीर समस्या उत्पन्न होने के बाद अधिकारी बगली झांकने लगते हैं। उधर लाइनमैनों की यह हालत है वे सुनने को तैयार नहीं होते।