ईमू फर्म के नौकर से पुलिस ने की पूछताछ
गोपीगंज (भदोही) : कथित तौर पर करीब चार करोड़ रुपये लेकर फरार ईमू फर्म के संचालक का पता लगाने में पुलिस ने ताकत झोंक दी है। हालांकि अभी तक उसके हाथ कोई सफलता नहीं लगी है। उधर, पुलिस ने बिहार या मुंबई जाने के बजाय रणनीति बदल दी है। फर्म के कुछ नौकरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। बाद में उन्हें छोड़ने के साथ ही उनके सभी मोबाइल जब्त कर लिए गए।
दरअसल, नौकरों को भी इस बात का तनिक भान नहीं था कि ईमू संचालक केके यादव इस तरह धोखा कर सकते हैं। नौकर राजू को तो अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वह भाग चुका है। पुलिस को पूछताछ में नौकर ने मोबाइल रखने की बात कबूल की। कहा कि सभी नंबर संचालक ने यह कहकर दिए थे कि जिसका फोन आए उसे पिता जी की बीमारी की बात बता देना। हम घर पहुंचकर दूसरे नंबर से बात करेंगे।
हालांकि यहां से जाने के बाद उनका फोन आया नहीं। राजू का कहना था कि यदि उन्हें भागना होता तो सारे पंक्षी और सामान हटा लेने के बाद गायब होते। हालांकि घर के अंदर से क्या गया क्या नहीं यह उसे भी नहीं पता। उसका कहना है कि घर में हम लोगों का आना-जाना बिल्कुल न था। ऐसे में हम लोग इस बाबत बहुत कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं।
खूब फंसाया साहब ने
नौकर राजू यूं तो केके यादव का बेहद चहेता था लेकिन उसके घर वह कभी गया नहीं है। बकौल राजू केके यादव बराबर कहा करते थे कि तुम्हें अपने घर लेकर चलेंगे लेकिन कभी ले नहीं गया। एक बार प्लान बना था लेकिन फिर यहां का काम कौन करता। ऐसे में जाने का कार्यक्रम स्थगित हो गया। राजू के अलावा अन्य चार नौकरों में से भी कोई वहां गया नहीं। अब उनका कहना है कि साहब ने तो खूब फंसाया।
कहां से आए दाना, कहां जाए अंडा
पूर्वाचल के तमाम जिलों के आस्ट्रेलियन पंक्षी ईमू के पालकों को जहां अंडे की चिंता सता रही है वहीं फर्म पर मौजूद करीब एक दर्जन पंक्षियों की सलामती पर संशय उठ खड़ा हुआ है। कारण अब साहब के जाने के बाद उनकी फरारी ने पांचों नौकरों को झकझोर कर रख दिया है। इनसे से तो कई ऐसे हैं जिन्हें चार माह से निर्धारित मजदूरी तक नहीं मिली है। यही वजह है कि अब उनका मन पंक्षियों की रखवाली में लग नहीं रहा है। साथ ही अब वह उन्हें दाना कहां से खिलाएंगे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है।