अब सूरमाओं की नजर असंतुष्टों पर
मुहम्मद इब्राहिम
ज्ञानपुर (भदोही) : सियासी दांव-पेंच के भी क्या कहने। सूरमाओं की नजर असंतुष्टों को मनाने पर लग चुकी है। मतदान की करीब आती तिथि के साथ मान मनौवल का दौर शुरू हो चुका है। बहरहाल आगे क्या होगा यह तो वक्त पर निर्भर है लेकिन क्या मान मनुहार के बाद एक मंच पर आने वाले लोगों के दिल से वह टीस निकल पाएगी जिसको लेकर वह खार खाए बैठे हैं।
सियासी मैदान में उतरने वाले सूरमाओं का पलक झपकते सुर बदल जाना कोई नई बात नहीं है। सियासी लाभ के लिए आज यहां तो कल उस खेमे में पहुंचकर यह नेता जिनकी खूबियों की बखान करते नहीं थकते दूसरे दिन उसी पर निशाना साधते देखे जाते हैं। खैर यह तो रही एक अलग बात। दरअसल इस बार देश की सबसे बड़ी पंचायत की रहनुमाई को लेकर बिछनी शुरू हुई बिसात पर जहां विरोधियों को पस्त करने रणनीति बनती रही तो अपनों के बीच भी वर्चस्व कायम करने की भी होड़ मची रही। नतीजा टिकट के रूप में जब एक के धड़े के हाथ बाजी लगी तो दूसरा नाराज हो उठा।
लगभग सभी दलों में उत्पन्न इस स्थिति को पहले पर पहले तो कोई तवज्जो नहीं रहा किंतु मतदान की नजदीक आती तिथि के साथ कहीं अपनों की ही यह नाराजगी भारी न पड़ जाय इन्हें मनाने की पहल तेज हो उठी है। इसमें कितनी सफलता मिलती है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन मौजूदा समय में येन केन प्रकारेण सारे गिले शिकवे भुलाकर सभी को एक मंच पर लाने को लेकर संगठनों के जिम्मेदार लग चुके हैं।
शुरू हुई खेवनहार की तलाश
देश की सबसे बड़ी पंचायत में प्रवेश को लेकर रण क्षेत्र में उतर चुके लोगों ने खेवनहार की तलाश शुरू कर दी है। अपने पक्ष में फिजा तैयार करने को लेकर स्टार प्रचारकों को लाने की कोशिश में लगभग सभी दलों के लोग लग चुके हैं। हालांकि इसमें विभिन्न दलों के कई नेताओं के लगभग तय हो चुके कार्यक्रमों से शीघ्र ही जिले में स्टारवार की धूम मचने की की बात कही जाने लगी है।