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कालीन नगरी प्रदूषण की गिरफ्त में

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 10:58 PM (IST)
कालीन नगरी प्रदूषण की गिरफ्त में

भदोही : विभिन्न समस्याओं से जूझ रही कालीन नगरी के लिए बढ़ता प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। जल प्रदूषण से कराह रही जनता के सामने वायु व ध्वनि प्रदूषण ने विकट समस्या खड़ी कर दी है।

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भले ही प्रदूषण विभाग इस बात से सहमत नहीं है लेकिन केंद्रीय भूजल बोर्ड व बीएचयू के वैज्ञानिकों ने बहुत पहले अपनी रिपोर्ट में कालीन नगरी के भूगर्भ में सुरक्षित जल को प्रदूषित बताया था। इसका बड़ा कारण यह है कि परिक्षेत्र के डांइग प्लांटों के प्रदूषित पानी का अधिकांश हिस्सा भूमि में समाहित होता है। जिससे परिक्षेत्र का भूजल प्रदूषित होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। यही कारण है कि चिकित्सक भी पानी उबाल कर पीने की सलाह देते हैं। चिकित्सकों के अनुसार प्रदूषित जल के सेवन से पेट की घातक बीमारियों अल्सर व कैंसर का खतरा बना रहता है।

उधर अंधाधुंध बिजली कटौती के चलते वायु व ध्वनि प्रदूषण लोगों के गंभीर समस्या का कारण बन गया है। बताते चलें कि सप्लाई जाते ही कालीन कारखानों सहित अन्य प्रतिष्ठानों में लगे जनरेटर एक साथ तड़तड़ाने लगते हैं। इनसे उठने वाला धुआं वातावरण को बुरी तरह प्रदूषित करता है। वायु प्रदूषण के मामले में मानकों के विपरीत बनी चिमनियां भी वातावरण को दूषित करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

नगर के विभिन्न डाइंग प्लांटों में स्थापित चिमनियों के धुएं से वातावरण बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में इसको लेकर लोगों में व्यापक रोष है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इसकी रोकथाम के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। ताकि लोगों को अनचाही समस्याओं से न सिर्फ छुटकारा मिल सके बल्कि गंभीर बीमारियों से भी लोगों को बचाया जा सके।


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