इस बार टेंगरिया राजा का बाढ़ में बहना तय
बस्ती: कुदरहा ब्लाक का टेंगरिया राजा गांव नदी और रामपुर-कलवारी तटबंध के बीच में बसा है। इस गांव को द
बस्ती: कुदरहा ब्लाक का टेंगरिया राजा गांव नदी और रामपुर-कलवारी तटबंध के बीच में बसा है। इस गांव को दो पुरवा साधू का पुरवा व रामलौट का पुरवा को बचाने के लिए दो स्परों का निर्माण प्रस्तावित था। जिन्हें इसी सत्र में बनाया जाना था। विभाग की दृष्टि में स्परों की कोई खास जरूरत न होने के कारण स्पर संख्या एक और दो का निर्माण नहीं हो सका। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि कटान करते हुए नदी उनके गांव के किनारे तक आ गई है। ऐसे में गांव को खतरा उत्पन्न हो गया है। गत वर्ष की बाढ़ में नदी खेत काट ले गई थी इस वर्ष गांव उजड़ने की पूरी आंशका है। गांव के अनिरुद्ध का कहना है कि पिछले तीन साल से नदी लगातार कटान करते हुए उनके गांव की तरफ बढ़ रही है। पहले यह नदी गांव से पांच किलोमीटर दूर थी। अब गांव से दूरी 70 से 80 मीटर रह गई है। हमारे खेत तो पहले की कट चुके हैं। घर बचे हैं वह भी इस बाढ़ में बह जाएंगे। बाढ़ खंड ने यहां पर दो स्पर बनवाने के लिए कहा था। यह स्पर बन जाते तो नदी की कटान से कुछ राहत मिल जाती। लगता नहीं है कि अब स्परों का निर्माण हो पाएगा। इसी गांव के पतिराम ने कहा कि उनका आठ बीघा खेत पिछले साल की कटान में बह गया। अब तो मुट्ठी भर अनाज पैदा करने का भी इंतजाम नहीं है। गांव की बुजुर्ग सोहरती देवी का कहना है कि वह पीढि़यों से इस गांव की निवासी हैं। पहले नदी गांव से काफी दूर थी। बाढ़ भी आती थी तो हमारे गांव तक पानी कभी-कभार ही आता था। अब तो नदी गांव से सट गई है। कब सरयू मइया लील जाएं कहा नहीं जा सकता। एक अन्य बुजुर्ग श्यामसुंदर ने बताया कि उनका दो बीघा खेत नदी की धारा में समा गया। खाने तक का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। हमारे गांव के लोगों ने प्रशासन से कहीं और बसाने की भी गुहार लगाई पर सुनवाई नहीं हुई। कुछ साधन संपन्न लोग तो गांव छोड़ दूसरी जगह जमीन लेकर घर बना लिए हैं जिनके पास पैसा नहीं है वह हर साल बाढ़ की पीड़ा झेल रहे हैं। अधिशासी अभियंता आरके ¨सह ने कहा कि तटबंध को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है। समय कम है इसलिए स्पर का निर्माण अभी संभव नहीं है। जिस हिसाब से समय मिलेगा उसके अनुसार काम कराया जाएगा।