नहीं आया कैश, निराश लौटे ग्राहक
बस्ती : शहरी क्षेत्र के बैंक को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण इलाकों के बैंकों में नकदी संकट अब भी बरकरार
बस्ती : शहरी क्षेत्र के बैंक को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण इलाकों के बैंकों में नकदी संकट अब भी बरकरार है। कहीं कैश नहीं तो कहीं दो हजार रुपये देकर उपभोक्ताओं को संतुष्ट किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों के बैंकों में रुपये निकालने आए लोगों को बिना खाली हाथ जाना पड़ा। दो दिन अवकाश के बाद बैंक खुले तो जमा-निकासी की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों में भारी भीड़ उमड़ी। लोग अपने ही रुपये के लिए सुबह से ही कतार में खड़े हो गए। जब तक कैश था तब तक तो वितरण हुआ। बाद में नो-कैश का बोर्ड लग गया। कई ग्राहक सप्ताह भर से रुपये के लिए दौड़ रहे हैं। सोमवार को पूर्वांचल बैंक की अधिकतर शाखाएं नकदी संकट से जूझ रही हैं। पूर्वाचल बैंक गनेशपुर में सुबह आठ बजे से ही महिलाएं कतार में लग गईं। शाम पांच बजे तक भुगतान न मिलने से ज्यादातर ग्राहक निराश लौट गए। ग्राहक सोना देवी, राधिका, शकुना ने बताया कि सुबह से ही खड़े हैं यहां कोई सुनने वाला नहीं है। बिड्राल फार्म भी नहीं दिया जा रहा है। बिचौलियों को भुगतान दिया जा रहा है। दो हजार रुपये ही भुगतान दिए जा रहे थे। भारतीय स्टेट बैंक दुबौला शाखा पर सुबह बैंक खुलने से पहले ही सैकड़ों ग्राहक पहुंच गए थे। बैंक खुला तो लगा कि दो दिन इंतजार के बाद आज भुगतान मिलेगा और अपनी जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन बैंक द्वारा बताया गया कि कैश न होने से भुगतान संभव नहीं है। इसके बाद बैंक कर्मचारियों को कुछ ग्राहकों की नाराजगी का भी शिकार होना पड़ा। बात बढ़े इससे पहले लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। ग्राहकों का आरोप है कि एसबीआइ द्वारा शाखा को मांग के अनुसार कैश उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। शाखा प्रबंधक अवधेश प्रसाद ने बताया कि कैश न होने से भुगतान नहीं हो सका। कैश मिलने पर मंगलवार को भुगतान किया जाएगा। सोमवार को ज्यादातर एटीएम भी बंद होने से लोगों को समस्याएं हुई। हालांकि शहर के ज्यादातर एटीएम खुलने से लोगों ने रुपये निकाले।