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समितियों पर नहीं हो रही धान की खरीद, कहां जाएं किसान

बस्ती: नोट बंदी, बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने व प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों की मुश्किल

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 11:20 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 11:20 PM (IST)

बस्ती: नोट बंदी, बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने व प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कड़ी मशक्कत के बाद तैयार किए गए धान का उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। सरकारी क्रय केंद्रों पर अभी तक धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है। कई साल से किसानों को लगातार प्रतिकूल मौसम का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते उनकी धान व गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस साल भी अपेक्षा के अनुसार बारिश नहीं हुई, जिसके चलते धान की फसल बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्रय केंद्रों के चालू न होने से किसान अपनी उपज आढ़तियों के हाथों औने-पौने दाम पर बेच देना पड़ रहा है। उपज का सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस साल किसानों से धान खरीद के लिए तहसील में 6 क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिनमें से 5 सल्टौआ गोपालपुर व 1 रामनगर विकास खंड में स्थापित है। इस साल धान खरीद का जिम्मा साधन सहकारी समितियों को सौंपा गया है। राम सजीवन चौधरी, प्रताप नारायण मिश्र, राजेंद्र प्रसाद चौधरी, बजरंगी प्रसाद, राम धन वर्मा, सूर्य किशोर, आज्ञा राम, जयकरन, शिव सहाय, जय राम ¨सह, श्याम नरायन ¨सह, राम प्रताप चौधरी, कन्हैया प्रसाद का कहना है कि पिछले साल भी कागजों में ही धान एवं गेहूं की खरीद की गई। वही हाल इस साल भी है। समस्या को लेकर कई बार एसडीएम से शिकायत भी की जा चुकी है। इसके बाद भी कहीं खरीद नहीं शुरू हो सकी। उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को धान खरीद का निर्देश दिया जा चुका है। अब मिलरों से भी संबद्धता कर दी गई है। क्रय केंद्र बंद रहने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।


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