एक दीया शहीदों के नाम
बस्ती: देश के शहीदों के नाम पर मनाएं दिवाली इस वर्ष दिवाली शहीद सैनिकों के नाम पर मनाएं। सिर्फ
बस्ती:
देश के शहीदों के नाम पर मनाएं दिवाली
इस वर्ष दिवाली शहीद सैनिकों के नाम पर मनाएं। सिर्फ एक दीया नहीं बल्कि दीपावली के सारे दीये इसी नाम पर जलाएं। हम अपने घरों में तभी तक सुरक्षित हैं जब हमारे सैनिक सीमा पर चौकस हैं। इस चौकसी में उन सैनिकों का त्याग भी शामिल है जो अब हमारे बीच नहीं हैं। देश पर कुर्बान होने वाले बेटों को याद करना हमारा नैतिक धर्म है। हमारे जो जवान बर्फीली रातों में पहाड़ों व रेगिस्तान में चौकसी करते रहते हैं। एक सामान्य व्यक्ति को यदि उस दशा में एक दिन रहना पड़े तो वह बीमार हो जाएगा। जरा सोचिए हमारे सैनिक दिन-रात ऐसे ही माहौल में रहते हैं। जरूरत इस बात की है कि हम अपने सैनिकों के त्याग और बलिदान को समझें, हम यदि और कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम उन सैनिकों को याद कर ही सकते हैं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण गंवा दिए। इसका सबसे सरल उपाय है एक दीप जलाना। इस दीवाली यह दीप आप कहीं भी जला सकते हैं। किसी शहीद स्मारक, किसी शहीद की प्रतिमा पर अथवा किसी सार्वजनिक स्थल पर।
रामनरेश ¨सह मंजुल, पूर्व प्रधानाचार्य
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.. ताकि हौसला बुलंद रहे
शहीद सैनिक हमारी यादों में बसते हैं। इन यादों को अभिव्यक्त करें एक दीप जलाकर। दैनिक जागरण की पहल में आप भी हिस्सेदार बनें। शहीद सैनिकों का लहू हमारे लिए किसी कर्ज से कम नहीं है। जांबाज सैनिक जिस तरह से देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं वह प्रत्येक देशवासी को याद रखना चाहिए। अपनी आजादी को सुरक्षित रखने के लिए सैनिकों ने जिस तरह से अपने खून बहाए हैं उसे याद करने का बेहतर समय है दिवाली। शहीदों की याद में एक दीपक जला कर उनको नमन कर सकते हैं। यह आसान है। यह काम हम कहीं भी और कभी कर सकते हैं। तो फिर आज से ही इस अभियान में भागीदरी निभाएं और शहीद सैनिकों के सम्मान में एक दीपक अवश्य जलाएं।
मस्तराम वर्मा, अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
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