पौधे करें रोपित स्वयं हो सुरक्षित, धरती होगी हरी-भरी
बस्ती : पौध रोपण जहां पर्यावरण को संरक्षित करता है वहीं स्वयं भी मानव इसी के चलते सुरक्षित है। वृक्
बस्ती : पौध रोपण जहां पर्यावरण को संरक्षित करता है वहीं स्वयं भी मानव इसी के चलते सुरक्षित है। वृक्षों से ही आक्सीजन मिलता है और आक्सीजन जीवन के लिए जरूरी है। पौधे रोपित करें, जिससे स्वयं के साथ भविष्य को भी सुरक्षित कर लें। हरी भरी धरती होगी तभी जीवन की कल्पना की जा सकती है। जीवन के लिए जरूरी है वन। यह कहना है सदर ब्लाक के मंझरिया गांव निवासी परशुराम पांडेय का। पांडेय 25 वर्ष से धरती का श्रृंगार करने में जुटे हैं। अब तक चार हजार पौधे लगा चुके हैं, जिसमें से तमाम तो छाया व फल दोनों दे रहे हैं। कहते हैं कि वृक्ष केवल आक्सीजन तो देते ही हैं, मीठे फल भी देते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति पौध रोपण से जुड़ जाए तो धरती पर हरियाली का संकट खत्म हो जाएगा। विकास की अंधी दौड़ व शहरीकरण ने जहां वन को समाप्त कर दिया वहीं उसका दुष्परिणाम भी अब मनुष्य के सामने आपदाओं का रूप लेकर परेशान किए हुए है। इसका सबसे बढि़या उपाय पौधरोपण ही है। कहते हैं कि वे अपने खेत की मेड़ों पर अब तक 12 बीघा पौध रोपण कर चुके हैं। इसके अलावा बीस बीघा की बगिया भी कटहल, आम, अमरुद, आंवला व सागौन के वृक्षों से भरा है। हर धर्म संप्रदाय के लोग पौध रोपण के लिए आगे आएं। गांवों में अभी भी तमाम भूमि ऐसी है जहां पौधरोपण किया जा सकता है। वे कहते हैं कि सड़क, नहरों व रेल मार्गो के किनारों की तमाम जमीनों पर पौधे लगाए गए हैं। यदि कोई पौध नहीं रोपित कर सकता तो उसकी सुरक्षा ही करने की जिम्मेदारी उठा ले तब भी उसे पौधरोपण का पुण्य मिल जाएगा।