धान खरीद में खाली हाथ प्राइवेट कंपनी
बस्ती : धान खरीद का समय अब केवल 22 दिन बाकी हैं और अब निजी कंपनी धान खरीद के लिए मैदान में उतरी हैं।
बस्ती : धान खरीद का समय अब केवल 22 दिन बाकी हैं और अब निजी कंपनी धान खरीद के लिए मैदान में उतरी हैं। यह कंपनी कितना धान खरीद पाएंगी यह तो समय बताएगा, मगर पिछले नौ दिनों से केंद्र स्थापना के बाद भी कहीं से एक छटांक धान खरीदने की सूचना नहीं मिल सकी है। इसके पीछे कारण खरीद के कड़े मानक बताए जा रहे हैं। यही नहीं नियमानुसार धान का पैसा सीधे किसानों के खाते में ही कंपनी भी भेजेगी। इन स्थितियों से स्पष्ट हो गया है कि कंपनी जिस उम्मीद से मैदान में उतरी है वह सफल नहीं होगा।
धान खरीद को लेकर पूर्वांचल की हालत से वाकिफ केंद्र सरकार ने इस बार प्राइवेट कंपनी से खरीद की योजना बनाई थी। योजना के तहत राज्य सरकार की खरीद एजेंसियों की तर्ज पर प्राइवेट कंपनी भी धान क्रय करेगी। इसके बाद तमाम प्रयास शुरू हुए और जिले में 29 जनवरी को जिलाधिकारी ने आठ केंद्र खोलने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। केंद्र खुले तो तीन राइस मिलों से कंपनी ने अनुबंध भी कर लिया। इसके बाद से ही धान खरीदने के लिए गांवों की खाक छानना शुरू कर दिया, मगर जो नियम राज्य सरकार के क्रय केंद्रों के लिए लागू थे उसी आधार पर प्राइवेट कंपनी को भी खरीद करनी है। मसलन सात प्रतिशत तक ही धान का डैमेज स्वीकार किया जाएगा। कुटाई के बाद चावल में चार फीसद डैमेज पर ही भारतीय खाद्य निगम उतार करेगी। यही नहीं नियमानुसार किसानों से जोतबही लेकर उनके खाते में ही धन देने की भी व्यवस्था कंपनी पर लागू है। इन स्थितियों के चलते मंडल में खरीद के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
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नियमानुसार खरीद पर ही एफसीआइ करेगी भुगतान
भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पीयूष तिवारी कहते हैं कि जो नियम कानून केंद्र सरकार ने बनाए हैं उसी के अनुसार ही प्राइवेट कंपनी खरीद करेगी। उसी आधार पर भुगतान होगा। रही चावल व धान के मानकों की बात तो सब कुछ पूर्व निर्धारित है। किसान के खाते में ही प्राइवेट कंपनी खरीद का पैसा देगी। इनके द्वारा किसान की बही व खाते में धन हस्तांतरित का प्रमाण देने के बाद ही भुगतान किया जाएगा।