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जिम्मेदारों की लापरवाही से ही बदसूरत हो गई गांव की तस्वीर

बस्ती : जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पड़री गांव की तस्वीर बदसूरत हो गई। पिछले छह महीने से दो दर

By Edited By: Published: Sat, 18 Jul 2015 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2015 08:19 PM (IST)

बस्ती : जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पड़री गांव की तस्वीर बदसूरत हो गई। पिछले छह महीने से दो दर्जन से अधिक परिवारों को बदहाली का जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है। गांव के मुख्य रास्ते पर जमा गंदा पानी, कीचड़ व उससे उठ रही बदबू संक्रामक रोगों को न्योता दे रही है।

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सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के पड़री गांव के सौ परिवारों के लगभग एक हजार लोगों को जल निकासी समेत अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य सड़क से दक्षिण होकर गांव में जाने वाली कच्ची सड़कें बरसात में मुसीबत का सबब बन गई हैं। दलित व पिछड़ी जाति की बस्ती की गलियों में भी खड़ंजा नहीं लगा है।

उपजिलाधिकारी लवकुश त्रिपाठी का कहना है कि समस्या संज्ञान में है। समाधान के लिए प्रयासरत हूं।

दुर्गध से गांव में रहना मुश्किल

जलनिकासी की व्यवस्था न होने से पूरे गांव का पानी दक्षिण तरफ मुख्य रास्ते पर पिछले छह महीनों से भरा है। मुख्य मार्ग पर जलजमाव, कीचड़ व दुर्गध से लोगों का रहना दुश्वार हो गया है। घरों से निकलने वाले छोटे-छोटे बच्चे उसी गंदे पानी व कीचड़ में गिर कर चोटहिल हो रहे है। गांव की सभी गलियां बजबजा रही हैं, जिससे पूरे गांव के लोग दुर्गध भरे माहौल में जीने को विवश हैं।

तहसील व थाना दिवस पर कर चुके हैं फरियाद

समस्या समाधान के लिए ग्रामीण पिछले छह महीने से तहसील दिवस व थाना दिवस पर चक्कर लगा रहे हैं। उनकी शिकायत के बावजूद जिम्मेदारों ने समस्या के समाधान के लिए कुछ नहीं किया। जलनिकासी की समस्या के समाधान के लिए तत्कालीन तहसीलदार जंगबहादुर यादव व थानाध्यक्ष सोनहा मौके पर गए थे पर समस्या का समाधान नहीं हो सका।

फ्यूज हो गए स्ट्रीट लैंपों के बल्ब

ग्राम पंचायत द्वारा अंधेरा दूर करने के लिए गांव के विद्युत पोलों पर स्ट्रीट लैंप लगवाया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि लगने के कुछ ही दिनों बाद सभी बल्ब फ्यूज हो गए। तबसे किसी ने इनको बदलने की सुध नहीं ली।

ग्रामीणों ने बताई पीड़ा

गांव के चन्दन शर्मा, ओमनाथ शर्मा, रामपाल, विश्वनाथ, राजकुमार, शैलेश आदि का कहना है कि गांव में समस्याएं ही समस्याएं हैं, पर सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी की है। मुख्य रास्ते पर छह महीनों से पानी भरा है जिससे उन्हें नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। समस्या समाधान के लिए उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी व थानाध्यक्ष से फरियाद कर चुके हैं। आश्वासन तो सबने दिया, पर निवारण किसी ने नहीं किया।


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