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समय पर मिलता इलाज तो बच जाती जान

बस्ती: शुक्रवार की तड़के मार्ग दुर्घटना में प्रमोद की मौत से भले ही देवकली गांव के लोगों को झकझोर दिय

By Edited By: Published: Fri, 22 May 2015 09:07 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 09:07 PM (IST)

बस्ती: शुक्रवार की तड़के मार्ग दुर्घटना में प्रमोद की मौत से भले ही देवकली गांव के लोगों को झकझोर दिया और कुछ उत्साही युवकों ने नाराज होकर पुलिस टीम पर पथराव भी कर दिया जिससे दरोगा समेत दो अन्य घायल हो गया। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा कि जब तक पुलिस या अन्य किसी द्वारा कोई चिकित्सकीय सुविधा प्रमोद को नहीं मिल रही है तो उसे तात्कालिक रूप से उसे इलाज मुहैया कराया जाय। बल्कि लोग एंबुलेंस व पुलिस के आने का इंतजार कर रहे थे। लिहाजा समय पर इलाज न मिलने से करीब डेढ़ घंटे बाद प्रमोद ने दम तोड़ दिया।

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शुक्रवार की भोर में विधाता ने जो कुछ किया, उससे अब प्रमोद के परिवार को रोटी के भी लाले पड़ जाएंगे। प्रमोद के मौत की जानकारी होने के बाद घटना स्थल पर परिजनों व शुभचिंतकों का जमावड़ा लग गया। हर कोई प्रमोद की मौत पर सहसा विश्वास नहीं कर रहा था। क्योंकि मिलनसार प्रमोद अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था और पूरे परिवार के भरण-पोषण का जिम्मा भी संभाल रहा था। पत्‍‌नी गीता रो-रोकर बेसुध हो जा रही थी ,तो 15 वर्षीय बेटे प्रवीण, 9 वर्षीय बेटे अरविंद व 7 वर्षीय अखिल को लोग आश्वस्त कर रहे थे कि अभी थोड़ी देर में पिता जी उठ जाएंगे। उन्हें तेज बुखार है। इसलिए लेटे हैं। भीड़ मे मौजूद रिश्तेदारों का कहना था कि पिता रामलखन की मौत के बाद प्रमोद अपने परिवार का अकेला कमाऊ पूत था ।अब तीनों बच्चे किसके सहारे अपना भविष्य संवारेंगे?

भले ही प्रशासन एंबुलेंस सेवा, पुलिस की इमरजेंसी सेवा व समाजवादी एंबुलेंस की सेवा की घटना के दौरान तत्काल पहुंचने की बात करता हो, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो घटना के तुरंत बाद ही ग्रामीणों ने समाजवादी सेवा के 108 नंबर, पुलिस के 100 नंबर व एंबुलेंस के लिए 102 नंबर, थानाध्यक्ष छावनी व दुबौलिया को तत्काल दुर्घटना की जानकारी देने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया था। लेकिन किसी ने ग्रामीणों के फोन को रिसीव ही नही किया, जिसकी वजह से ग्रामीण उत्तेजित हुए और पुलिस पर पथराव कर दिया।

घटना के बाबत थानाध्यक्ष आर.के. गौतम कहते हैं कि चार बजे पुलिस टीम गश्ती से लौटी थी, जैसे ही जानकारी हुई तुरंत मौके पर फोर्स पहुंच गई। उसके बाद भी गांव वालों ने गुंडई की है । सैकड़ों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।

देवकली गांव के पास हुई जिस घटना में अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी संभाल रहे प्रमोद ने जिस वाहन की चपेट में आकर दम तोड़ा है । उस वाहन का चालक कोई और नहीं बल्कि उसके अपने ही गांव का सुग्रीम था। जब घटना की जानकारी होने पर लोग घटना स्थल पर पहुंचे और सुग्रीम का ही वाहन देखा तो उनके होश उड़ गए कि आखिर सुग्रीम के ही वाहन से घटना क्यों हुई?

ग्रामीणों द्वारा हो रहे पथराव के दौरान एसआई उमेश चन्द्र यादव की मोबाईल भी भागते समय कहीं गुम हो गयी।


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