Move to Jagran APP

हकीकत से भयावह रहा अफवाहों का 'जलजला'

बस्ती : यूं तो सोमवार को धरती एक बार भी नहीं हिली। मगर अफवाहों का 'जलजला' बार-बार आता रहा। प्राकृतिक

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 10:20 PM (IST)
हकीकत से भयावह रहा अफवाहों का 'जलजला'

बस्ती : यूं तो सोमवार को धरती एक बार भी नहीं हिली। मगर अफवाहों का 'जलजला' बार-बार आता रहा। प्राकृतिक आपदा के भय से कांप रहे आम जनमानस के सब्र का मानो इम्तिहान लिया जा रहा हो। कभी जमीन के भीतर का पानी जहरीला होने की अफवाह ने लोगों को भयाक्रांत किया तो कभी चंद्रमा के उल्टा निकलने को भीषण उथल-पुथल का संकेत बताने वालों ने लोगों में और भी डर पैदा किया। सोशल मीडिया के जरिए मिनट-दर-मिनट कभी अफवाह फैली तो कभी उसका खंडन प्रसारित हुआ।

loksabha election banner

यद्यपि न्यूज चैनल व इंटरनेट समाचार एजेंसियां लगातार लोगों को विशेषज्ञों के माध्यम से जागरूक करने के प्रयास में जुटी रहीं, बावजूद इसके दूर दराज या समाचार चैनलों की बात पर भरोसा न करने वालों के रातों की नींद इसी दहशत में उड़ी रही।

लोगों में फिर से भूकंप आने की चिंता इस कदर हावी रही कि बहुतायत लोग घर के बाहर रात गुजारे। लोग आपस में एक दूसरे के ह्वाट्स-एप, फेसबुक, ट्विटर आदि माध्यमों से मिले संदेशों व जानकारियों का आदान-प्रदान करते देखा गया। नेपाल में एक बहुमंजिली इमारत ढहने, सड़क धंसने और वहां के नरेश की खुले में रात्रि बिताने की फोटो और वीडियो सबसे अधिक चर्चा में रही।

लोग बोले, सही जानकारी ने किया परेशान

भूकंप का करीब से सामना कर चुके लोगों को कोई लाख समझाए पर उन्हें कौन आश्वस्त कर पाएगा कि अब दोबारा भूकंप नहीं आएगा? लोगों के मानस पटल से कांपती धरती का एहसास धूमिल होने का नाम नहीं ले रही है।

जागरण ने सोमवार को कुछ लोगों से उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की कि अब तब का उनका अनुभव कैसा रहा और मौजूदा वक्त में उनके मन में क्या चल रहा है।

दुखद रहा लोगों का गैर जिम्मेदारपन

भूकंप भयानक त्रासदी है। लेकिन इसमें भी तमाम लोग पिकनिक की तरह अफवाह फैलाकर मजा लेते दिखे।

- कबिश अबरोल

-------------

लगा कोई हादसा हो गया

2- जब धरती हिलने लगी तो सरयू नहर कालोनी में था। लोग इधर-उधर भागते दिखे तो डर लगने लगा। लोगों को देखकर ऐसा लगा कि कोई हादसा हो गया है।

- दीपक सिंह

---------------

3- अब तक सिर्फ सुना था, अब महसूस किया

- अब तक सिर्फ भूकंप के बारे में सिर्फ सुना था, पर महसूस करने का मौका इस बार मिला। सचमुच बेहद डरावना माहौल था।

- आयुश प्रताप सिंह

--------------

4- सबकुछ हिलते देख कांप गया मन

- नाली का पानी, गाड़ी, मकान सबकुछ हिलते देखकर कलेजा कांप गया। ऐसा लगा कि अब सबकुछ नष्ट हो जाएगा।

- अनुराग

-----------------

5- प्रकृति के आगे सब हारे

- जिस समय भूकंप आया तब मझौआ गांव में था। देखा कि पोल हिल रहा है। सब लोग इधर-उधर भाग रहे थे। तब लगा कि प्रकृति के आगे सब हारे।

- हरिओम पांडेय

------------------

6- ईश्वर करे, अब न हो कभी ऐसी आपदा

- जिला अस्पताल में बैठक चल रही थी। एकाएक कुर्सी मेज हिलने लगा। सब लोग एकाएक भागने लगे। डर के मारे पांव ही नहीं हिल रहे थे। ईश्वर करे कि अब दोबारा ऐसी आपदा न आए।

---------------------

प्रशासन ने माना, छह हुए घायल

- भूकंप से अब तक हुई क्षति के बारे में प्रशासन ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जिसमें छह लोगों के घायल होने की बात कही गई है। इनमें कल्यानपुर कलवारी निवासी चंदा देवी, रुधौली के रमवा पुर निवासी राजेश, भानपुर के मोहम्मदपुर निवासी सूर्या देवी, वाल्टरगंज के शिवहरा निवासी बालकेश, वहीं के शीतला प्रसाद और नगर थानाक्षेत्र के माड़न निवासी संगीता शामिल हैं। इन सबको शासन द्वारा अनुमन्य राहत राशि मुहैया कराने की प्रक्रिया चल रही है।

-----------------------

खाद्यान्न लदा ट्रक लेकर हुए रवाना

- नेपाल में आये भीषण भूकंप से पीड़ित लोगों के राहत और बचाव के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से खाद्यान्न, दवा, बिस्कुट व अन्य राहत सामग्री लेकर कई ट्रक नेपाल के लिये रवाना हुए। प्रदेश सरकार की ओर से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह यादव, उदयवीर सिंह, डा. इमरान और समाजवादी युवजन सभा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव गोरखपुर से सहायता सामग्री के साथ नेपाल में पीड़ितों की मदद करने पहुंचे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.