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सावधान! कठिन डगर, चलिए संभलकर

बस्ती : हर्रैया तहसील क्षेत्र के सबसे घनी आबादी वाले विकास खंड परशुरामपुर व गौर ब्लाक के बभनान कस्बे

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 10:25 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 10:25 PM (IST)
सावधान! कठिन डगर, चलिए संभलकर

बस्ती : हर्रैया तहसील क्षेत्र के सबसे घनी आबादी वाले विकास खंड परशुरामपुर व गौर ब्लाक के बभनान कस्बे को सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला हर्रैया-बभनान मार्ग इस कदर टूट कर गड्ढों में तब्दील हो चुका है कि राहगीर अब कहने लगे हैं कि यह सड़क है या फिर गड्ढा। क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी जन प्रतिनिधि व अधिकारी इस सड़क की मरम्मत पर ध्यान नही दे रहे हैं तो लोगों में खासी नाराजगी है।

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बता दें कि तहसील क्षेत्र का उक्त विकास मुख्यालय सबसे घनी आबादी वाला विकास खंड होने के साथ ही यहां के प्रमुख बाजार व्यावसायिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यही नहीं विकास क्षेत्र में ही पड़ने वाले मखौड़ा धाम, श्रृंगीनारी मंदिर व स्वामी नरायन छपिया सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर भी वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब 17 किमी की दूरी पर स्थित बभनान कस्बा भी व्यापार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बाजार है। जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते इन दोनों मुख्य बाजारों को जोड़ने वाला हर्रैया-बभनान मार्ग पिछले कई वर्षो से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस मार्ग के निर्माण के बाद कभी भी एक साथ इस सड़क की मरम्मत नही कराई गयी । हालांकि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इस मार्ग की मरम्मत होती है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि मरम्मत धरातल पर होती है या फिर कागजों में? आलम यह है कि प्रतिदिन इस मार्ग से तहसील मुख्यालय व जिला मुख्यालय की दूरी तय करने वाले यात्रियों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार क्षेत्रीय नागरिकों ने जिले के आला अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से इस मार्ग के जीर्णोद्धार की भी मांग की लेकिन कोई पहल नहीं हुई। नागरिक मानिकराम वर्मा, मोहन यादव, कनिकभवन, सुरेश चन्द्र, धर्मेन्द्र कुमार, राजू जायसवाल कहते हैं कि वर्षो से सड़क की मरम्मत न होने की वजह से यात्रा काफी मुश्किल हो गयी है। बताते हैं कि जन प्रतिनिधि विकास का दावा तो करते हैं पर क्षेत्र की सड़कें ही जब चलने योग्य नहीं है तो ऐसे विकास का क्या फायदा ?


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