शिक्षक अटल, धरे रह गए कापियों के बंडल
बस्ती : जिसकी आशंका थी, वहीं हुआ। किसी भी सूरत में शिक्षक मूल्यांकन को राजी नहीं हुए। नतीजन पहले दिन
बस्ती : जिसकी आशंका थी, वहीं हुआ। किसी भी सूरत में शिक्षक मूल्यांकन को राजी नहीं हुए। नतीजन पहले दिन कापियों का बंडल तक नहीं खुला। अधिकतर परीक्षक व डिप्टी हेड मूल्यांकन केंद्रों पर नहीं पहुंचे।
केंद्रों पर सभी तैयारियां पूरी करके इंतजार होता रहा कि परीक्षक आएं तो मूल्यांकन कार्य शुरू हो, लेकिन कोई भी शिक्षक कापी जांचने को तैयार नहीं हुआ।
इस बीच मूल्यांकन केंद्र पर कुछ प्रधान परीक्षक पहुंचे और अपना लिफाफा ग्रहण किया। राजकीय इंटर कालेज में उप नियंत्रक ने कोठार प्रभारियों व उप प्रधान परीक्षकों के साथ बैठक कर उन्हें मूल्यांकन की बारीकियां बताई।
उधर, माध्यमिक शिक्षकों के तीनों गुट माध्यमिक शिक्षक संघ चेत नरायन गुट, ठकुराई गुट और वित्त विहीन शिक्षक संघ इस मुद्दे को लेकर एक साथ आंदोलित है। वहीं शिक्षक नेताओं ने केंद्रों पर पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। साथ ही अपनी मांगों को दोहराते हुए आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। इनके पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने केंद्रों पर जाकर शिक्षकों से आंदोलन में सहयोग करने का आग्रह किया। सभी गुट के शिक्षक नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि इस बार वे अपना कदम पीछे नहीं खींचेंगे। भले ही इसके लिए आंदोलन को आगे तक ले जाना पडे़।
132 डिप्टी हेड में एक तिहाई भी नहीं आए
इस बार तीनों मूल्यांकन केंद्रों में मिलाकर कुल 132 डिप्टी हेड यानी उप प्रधान परीक्षकों की तैनाती हुई है। लेकिन पहले दिन सोमवार को काफी कम संख्या में इनकी आमद हो सकी। राजकीय इंटर कालेज पर कुल 84 की जगह मात्र 31 डिप्टी हेड पहुंचे। इसके अलावा राजकीय कन्या इंटर कालेज और श्रीकृष्ण पांडेय इंका में इक्का-दुक्का डिप्टी हेड ही पहुंचे।
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राजकीय शिक्षक भी नहीं कर पा रहे काम
शिक्षकों के मूल्यांकन बहिष्कार से राजकीय शिक्षक पृथक हैं, फिर भी वे अपना योगदान नहीं दे पा रहे हैं। इसकी वजह अधिकतर डिप्टी हेड गैर सरकारी विद्यालयों के शिक्षक बनाए गए हैं। उनके आंदोलित होने की वजह से राजकीय शिक्षक मूल्यांकन न कर पाने पर विवश हैं।
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सरकार पर दबाव बढ़ा, तीनों गुट गद्गद
मूल्यांकन को लेकर सरकार पर बढ़ते दबाव से माध्यमिक शिक्षकों के तीनों गुट गदगद हैं। उनके पदाधिकारी सोमवार को केंद्रों पर पहुंचे और देखा कि माहौल उनके पक्ष में है तो उनमें और भी जोश भर गया। माशिसं जिलाध्यक्ष शिव पाल सिंह, पवन कुमार शुक्ल, जय शंकर मिश्र, अशोक कुमार सिंह, रामेश्वर सिंह आदि ने केंद्रों पर जाकर कहा कि यह बहिष्कार परिणाम आने तक जारी रहेगा। इसी तरह चेत नरायन गुट के जिलाध्यक्ष राम पूजन सिंह, मारकंडेय सिंह, अनिरुद्ध त्रिपाठी , अजीत कुमार पाल, संतोष पांडेय, शिव नरायन पांडेय आदि ने भी सुर में सुर मिलाया। वहीं ठकुराई गुट के जिलाध्यक्ष अब्दुल्लाह खां बी अध्यक्षता में पांडेय इंटर कालेज में शिक्षकों की बैइक हुई। जिसमें बहिष्कार को सफल बताते हुए आंदोलन जारी रखने का फैसला किया गया। जिलाध्यक्ष के अलावा जिला मंत्री जग प्रसाद यादव, रमाकांत वर्मा, अवनि चौधरी आदि ने सरकार की वादा खिलाफी पर कड़ा ऐतराज जताया गया।
इसी कड़ी में माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रसेन चौधरी, प्रदेशीय मंत्री रमेश पाठक, प्रबंधक महासभा के प्रदेश संगठन मंत्री राकेश दूबे, प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डा. अनिल श्रीवास्तव, रमजान अली आदि प्रदेश सरकार और स्थानीय अधिकारियों को आडे़ हाथों लेते हुए ऐलान किया कि किसी भी हाल में यह रवैया बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
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यह है मूल्यांकन केंद्रों की स्थिति
केंद्र-1 : राजकीय इंटर कालेज
कुल कापियां- 4,34,172
उप प्रधान परीक्षक- 84
परीक्षक - 798
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केंद्र-2 : राजकीय कन्या इंटर कालेज
कुल कापियां- पौने दो लाख
उप प्रधान परीक्षक- 48
परीक्षक - 479
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केंद्र-3 : श्रीकृष्ण पांडेय इंटर कालेज
कुल कापियां- 1,61,000
उप प्रधान परीक्षक- 50
परीक्षक - 485
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अब भी गंभीर नहीं अफसर
शिक्षकों के मूल्यांकन बहिष्कार से पूरी की पूरी मूल्यांकन व्यवस्था चरमरा गई है, फिर भी विभागीय अधिकारी चैतन्य हैं। उन्हें इस बात की फिकर नहीं है कि आखिर मूल्यांकन होगा कैसे। इसकी जगह वे माहौल का लुत्फ लेने में मशगूल हैं। सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक डा. राजेश आर्य ने दावा किया कि अधिकतर डिप्टी हेड अपना लिफाफा ले गए हैं। मूल्यांकन शुरू न हो पाने की वजह डीआईओएस आंदोलन नहीं बल्कि बारिश होना बताया है।