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आया नव संवत्सर 2072, चहुंओर उल्लास

बस्ती : कीलक नाम नव संवत्सर 2072 का आज से आगाज होगा। भोर में तीन बजे प्रतिपदा के साथ ¨हदू नव वर्ष क

By Edited By: Published: Fri, 20 Mar 2015 10:23 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2015 10:23 PM (IST)
आया नव संवत्सर 2072, चहुंओर उल्लास

बस्ती : कीलक नाम नव संवत्सर 2072 का आज से आगाज होगा। भोर में तीन बजे प्रतिपदा के साथ ¨हदू नव वर्ष का आरंभ होगा। इसे लेकर भारतीय संस्कृति की मान्यताओं को अंगीकार किए जनों में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। जगह-जगह नए वर्ष पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

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इस पर्व की पूर्व संख्या पर गाधी कला भवन परिसर में हिन्दू नव वर्ष संकल्प व विविध सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

पूरे दिन गाधी कला भवन परिसर में मेले जैसा उल्लास दिखा। अनेक विद्यालयों के बच्चों ने जहा अपनी रचनात्मक दक्षता का परिचय दिया वहीं विभिन्न स्टाल और वेदों की झाकी आकर्षण का केंद्र रही।

कार्यक्रम का शुभारंभ यज्ञ अनुष्ठान से हुआ। गरूणध्वज पाण्डेय, देव व्रत आर्य, दिनेश चन्द्र त्रिपाठी के मार्ग दर्शन में आरम्भ पंच कुण्डीय यज्ञ अनुष्ठान में शत्रुघ्न प्रसाद दूबे, अखिलेश दूबे, कर्नल केसी मिश्र, कैलाश दूबे, ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी, विवेक मिश्र, डा. वीरेन्द्र त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, रतन जायसवाल, शिवालोक मिश्र आदि ने लोक मंगल के लिये आहुतिया दी।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में शिखा मेमोरियल की छात्राओं ने रंजना अग्रहरि के मार्ग दर्शन में रोचक सास्कृतिक कार्यक्त्रम प्रस्तुत किया। आयुषी, नेहा, सुषमा, दिव्या, दामिनी, राम अनुज, प्रमोद, बुद्धिसागर आदि ने गीत संगीत का जो शास्त्रीय स्वर लहरी बिखेरी उस पर श्रोता मंत्रमुग्ध हुए।

इसी कड़ी में नाटक के माध्यम से वृहस्पति पाण्डेय और पंकज त्रिपाठी ने चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या की। बताया कि आडंबरों से बचें। कार्यक्रम का संचालन करते हुये अनुराग शुक्ल ने नव वर्ष की महत्ता और राजा विक्त्रमादित्य द्वारा आरम्भ सम्बत के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला।

हिन्दू संस्कृति के व्याख्याता हरिश्चन्द्र शुक्ल ने हिन्दू नव वर्ष के महत्व को रेंखाकित करते हुये कहा कि हमारी संस्कृति में प्रकृति का रसए और रंग परिवर्तन भरा हुआ है। भारतीय नव वर्ष नवीन विज्ञान और आध्यात्मक में संतुलन स्थापित करता है।

मेले में लोगों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हुये स्टाल लगाया गया और डा. नवीन सिंह, डा. दीक्षा सिंह, डा. शशि, शचि श्रीवास्तव ने एक्यूप्रेशर के द्वारा रोग दूर करने का उपाय बताया। होम्योपैथी का स्टाल दिनेश चन्द्र त्रिपाठी में मार्ग दर्शन में चलाया गया।

लगभग 20 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने रंगोली, मेंहदी, सुलेख, ग्रीटिग कार्ड, योगासन, धर्म प्रश्नोत्तरी आदि कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी सफल प्रतिभागियों एवं अन्य को सांत्वना पुरस्कार अतिथियों द्वारा दिया गया।

आयोजन समिति के अखिलेश दूबे और आशीष शुक्ल ने आभार व्यक्त करते हुये कहा कि यह अपरिहार्य है कि हम अपनी संस्कृतिए रचनाधर्मिता और उत्सवित होने की परम्परा को मजबूत बनाये रखें।

दिन भर चले कार्यक्त्रम को सार्थक बनाने में भाजपा जिलाध्यक्ष दयाशकर मिश्र, रतन जायसवाल, नितेश शर्मा रवि, अमृत वर्मा, श्रवण कुमार, सुभाष वर्मा, रिकूं दूबे, सत्यम पाण्डेय, टीएन चौधरी, सोनू मिश्र, सुनील चौधरीए संतोष सिंहए अनूप खरेए राजेश द्विवेदी, वरूण पाण्डेय, उदयभान, आलोक, मगन शुक्ल आदि ने योगदान दिया। नव वर्ष के मेले में बड़ी संख्या में अनेक परिवारों के लोग मौजूद रहे।

नवग्रहों का मंत्रिमंडल आज करेगा मंत्रणा

- ऐसी मान्यता है कि संवत्सर पर्व के दौरान आकाश में नवग्रहों की एक कैबिनेट बनती है। इसमें ग्रहों को राजा, मंत्री के अलावा कृषि, खाद्य, वर्षा, रस, नीरस, व्यापार और आर्थिक मामलों का कार्यभार सौंपा जाता है। कौशलों का स्वामी मंगल, धान्य पदाथरें का स्वामी सूर्य है। पत्थर का स्वामी शुक्र है। बाकी संपदा मंगल और शुक्र के अधीन हैं। विद्वानों ने बताया कि यह वर्ष पराभव लाभ का संवत्सर है। जिसमें कुल 354 दिन हैं। ऐसा लगता है कि कैबिनेट के सभी ग्रह विश्व स्तर की प्रजा में सुख-शाति और सामंजस्य का संचार करेंगे। इस दिन का व्यापार के लिए खास महत्व है।

आज होगी बही खाते की पूजा

- व्यापारी वर्ग नव वर्ष के पहले दिन और कई लोग चैत्र नवरात्रों के दौरान बही-खाते की पूजा करते हैं। शादियों का सीजन शुरू होने से गहनों की बिक्री बढ़ती है। इसके अलावा होली के कारोबार के बाद एक महीने की सुस्ती आज खत्म हो जाती है। हिंदू नववर्ष हमेशा से तेजी का प्रतीक माना जाता रहा है। इस दिन धनतेरस और अक्षय तृतीया जैसी सेल नहीं होती, लेकिन डिमाड में तेजी का शुभारंभ हो जाता है।

अशुभ भी बन जाता है शुभ

- हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह दिन सृष्टि रचना का पहला दिन है। करीब एक अरब 97 करोड़ 39 लाख 49 हजार 111 वर्ष पूर्व इसी दिन ब्रह्मा जी ने जगत की रचना की थी। इस दिन चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ होती है। हिन्दू परम्परा के अनुसार इस दिन को नव संवत्सर या नव संवत् के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष कीलक नामक विक्रम संवत् 2072 का प्रारंभ होगा। 21 को इस धरा की 1975885115वीं वर्षगाठ है। हिन्दू पंचाग का पहला महीना चैत्र होता है। यही नहीं शक्ति और भक्ति के नौ दिन यानी कि नवरात्रि स्थापना का पहला दिन भी यही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नक्षत्र शुभ स्थिति में आ जाते हैं और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए यह मुहूर्त शुभ होता है।

- आज से शुरू हो रहे नव वर्ष को लेकर व्यापार जगत और स्थानीय बाजारों में काफी उत्साह है। कारोबारी परंपरा और ज्योतिषियों के मुताबिक नव संवत्सर के साथ ही नया व्यापार चक्र शुरू होता है, जो तेजी का प्रतीक होता है। नवरात्र के साथ ही शादी का सीजन भी शुरू हो रहा है। जिससे ज्वेलरी,गारमेंटस और वेडिंग वेयर के बाजारों में डिमाड बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ज्योतिष गणना के मुताबिक हर साल की तरह आज से सोने-चादी की कीमतों को बल मिलेगा।

क्या करें नव संवत्सर के दिन

- घर को ध्वजा,पताका, तोरण, बंदनवार, फूलों आदि से सजाएं व अगरबत्ती, धूप आदि से सुगंधित करें।

- दिनभर भजन.कीर्तन कर शुभ कार्य करते हुए आनंदपूर्वक दिन बिताएँ।

- सभी जीव मात्र तथा प्रकृति के लिए मंगल कामना करें।

- नीम की पत्तियाँ खाएँ भी और खिलाएँ भी।

- ब्राह्मण की अर्चना कर लोकहित में प्याऊ स्थापित करें।

- इस दिन नए वर्ष का पंचाग या भविष्यफल ब्राह्मण के मुख से सुनें।

- इस दिन से दुर्गा सप्तशती या रामायण का नौ.दिवसीय पाठ आरंभ करें।

- इस दिन से परस्पर कटुता का भाव मिटाकर समता भाव स्थापित करने का संकल्प लें।

आरएसएस द्वारा पथ संचलन आज

- शनिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से पूर्ण गणवेश में पथ संचलन का आयोजन किया जाएगा। अपरान्ह दो बजे सरस्वती विद्या मंदिर राम बाग से शुरू होकर यह यात्रा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी रोडवेज तक जाएगा।

संचलन के पूर्व अखिल भारतीय राष्ट्रीय संगठन मंत्री इतिहास संकलन समिति बाल मुकंद जी का उद्बोधन होगा। यह जानकारी जिला प्रचार प्रमुख अरविंद सिंह चौहान ने दी है।


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