जिसे रोकनी नकल, वही बोल रहा 'ईमला' !
बस्ती : बोर्ड परीक्षा में 'ईमला बोल नकल' का बोल बाला है। नकल माफिया ऐसी फुल प्रूफ व्यवस्था के तहत इस
बस्ती : बोर्ड परीक्षा में 'ईमला बोल नकल' का बोल बाला है। नकल माफिया ऐसी फुल प्रूफ व्यवस्था के तहत इस काम को अंजाम दे रहे हैं, जिसे भेद पाना आसान नहीं है। नकल के लिए बदनाम अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों को इस खेल में शामिल किया गया है। ताकि वह मौका पाते ही वसूली गई रकम के एवज में ईमला बोल कर सवाल हल करा सकें।
इसका खुलासा सचल दल में शामिल अधिकारियों व शिक्षकों ने खुद किया है कि केंद्रों पर संदिग्ध परिचय पत्र के सहारे कक्ष निरीक्षण किया जा रहा है।
यह तरकीब इतनी कारगर साबित हो रही है कि उड़ाका दल हाथ मलते रह जा रहे हैं। जब तक वह केंद्र के भीतर हैं तब तक चारों ओर शांति ही शांति दिखती है, लेकिन जैसे ही गेट के बाहर गए, फिर खेल शुरू।
दरअसल, पिछले सालों में हुई इस तरह की धांधली को देखते हुए बोर्ड ने फैसला लिया था कि कक्ष निरीक्षकों की तैनाती बोर्ड द्वारा ही होगी। उनका आन लाइन परिचय पत्र बनाया जाएगा। इस फैसले से नकल माफियाओं में खलबली मच गई। ऐन-केन-प्रकारेण बोर्ड पर दबाव बनाया, जिसका नतीजा यह हुआ कि परीक्षा शुरू होने के दो दिन पहले अचानक बोर्ड ने अपना फैसला बदल डाला। फिर से वही पुरानी व्यवस्था कायम कर दी गई।
हालांकि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने निर्देश दिया था कि जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर से परिचय पत्र जारी किए जाएंगे, इसके लिए इतना कम समय दिया गया कि अफरातफरी मच गई। मजबूरन परीक्षा अनुभाग को ढील देनी पड़ी।
इसी का फायदा उठाकर केंद्र व्यवस्थापक मनमानी करते हुए कक्ष निरीक्षक तैनात कर लिए। जो उनकी राह आसान किए हुए हैं।
- फर्जी कक्ष निरीक्षकों की तैनाती को इस वजह से भी बढ़ावा मिला क्योंकि नियमानुसार जिनकी तैनाती हुई वे इस माहौल की नजाकत को भांप खुद ही कदम पीछे खींच लिए। परिषदीय विद्यालयों के अधिकतर शिक्षक परीक्षा डयूटी से दूरी बनाकर रखे हुए हैं। मजबूरन केंद्र व्यवस्थापकों को गैर वित्तीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों के कथित शिक्षकों की सेवा लेनी पड़ रही है।
विषय विशेषज्ञ भी नहीं रह पाए दूर
- परीक्षा अधिनियम के तहत विषय विशेषज्ञों से कक्ष निरीक्षण कार्य नहीं कराया जा सकता। यह जिम्मेदारी केंद्र व्यवस्थापक को सौंपी गई है कि वह इस बात का ध्यान दें। जबकि इस मानक का खुला उलंघन देखा जा रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- कक्ष निरीक्षकों की तैनाती केंद्र व्यवस्थापक की अनुशंसा के आधार पर की गई है। साथ ही जरूरत के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निरीक्षक तैनात किए गए हैं। उनका परिचय पत्र विभाग द्वारा बनाया गया है। यदि किसी केंद्र पर बिना अर्हता वाले शिक्षक कक्ष निरीक्षण का कार्य कर रहे हैं, उनके पकड़े जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
-जिला विद्यालय निरीक्षक-डा. राजेश आर्य
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जिले में कुल परीक्षा केंद्र-175
कुल परीक्षार्थी- 88869
नियुक्त कक्ष निरीक्षक-4600
माध्यमिक विद्यालयों से- 3400
परिषदीय विद्यालय से- 1200