सुनियोजित भ्रष्टाचार की शिकार है जनता : संजय
बस्ती : रुधौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने जिलाधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी और
बस्ती : रुधौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने जिलाधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी और उप जिलाधिकारी रुधौली पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सुनियोजित तरीके से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इन्हीं अधिकारियों की शह पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अलावा अन्य योजनाओं में खुलेआम धांधली की जा रही है। असलहा लाइसेंस के लिए एक से डेढ़ लाख तक की वसूली की जा रही है। जो नहीं देता उसे स्थगन आदेश का हवाला देकर टरका दिया जा रहा है।
जायसवाल गुरुवार को पांडेय बाजार स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने डीएम पर डीएसओ को शह देने का आरोप लगाया। कहा कि पूरन सिंह चौहान को उनके मूल पद पर कार्यभार सौंपने का शासन ने निर्देश दे रखा है, पर न जाने किस वजह से डीएम उन्हीं से जिला पूर्ति अधिकारी का कार्य लेना चाहते हैं। कांग्रेसी विधायक संजय प्रताप ने खुलकर कहा कि डीएसओ कार्यालय के निरीक्षक ब्लाक स्तर पर कोटेदारों से वसूली की जा रही है। तभी उनके लाग बुक पर उठान की अनुमति दी जाती है। कई अन्य आपत्ति जनक आरोप लगाने के साथ ही विधायक ने कहा कि 2013 में जबसे पूरन सिंह चौहान ने यहां का चार्ज लिया है, तब से मिट्टी तेल की उठान पर एक रुपये प्रति लीटर वसूली की जा रही है। कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह निजी लड़ाई नहीं है। उनका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ आम जनता को दिलाना है। विधायक ने तर्क देते हुए सवाल खड़ा किया कि यदि आम आदमी कोई गड़बड़ी करे तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोग ऐसा करें तो उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? रुधौली तहसील में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां भू-माफियाओं के इशारे पर नियम कानून ताक पर रख दिया गया है। संजय जायसवाल ने अंत में कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव व खाद्य आयुक्त से इन मुद्दों पर वह बात करेंगे। चालू विधानसभा सत्र के दौरान सदन के पटल पर इसे रखने के साथ ही जरूरत पड़ी तो जनांदोलन छेड़ने की बात भी विधायक ने किया है। कहा है कि जन समस्याओं के लिए वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी नहीं चूकेंगे।
आरोप निराधार, तेल की बूंद-बूंद का हिसाब मेरे पास
विधायक संजय प्रताप जायसवाल के आरोपों को निराधार बताते हुए जिला पूर्ति अधिकारी पूरन सिंह चौहान ने कहा कि मिट्टी तेल के प्रकरण में मैंने स्वयं खाद्य आयुक्त को जांच के लिए अनुमति देने की बात कही है। काला बाजारी में शहर का जीपीआरएन मिट्टी तेल डिपो का लाइसेंस उच्च न्यायालय के आदेश पर निरस्त कर दिया गया है। इसके काला बाजारी को लेकर मेरे स्तर से ही न्यायालय में काउंटर लगाया गया था। कहा कि तहसील क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण व्यवस्था की निगहबानी उप जिलाधिकारी के जिम्मे है। इसमें लेखपाल व प्रधान की भी भूमिका होती है। हर माह का तेल व खाद्यान्न तभी दिया जाता है जब प्रधान व लेखपाल पूर्व माह का वितरण का प्रमाण पत्र दे देते हैं। इस प्रकार के आरोप लगाने से प्रधान की भूमिका पर सवाल उठ जाता है।