अभिभावक बोले, नौसिखिए चालक बर्दाश्त नहीं
बस्ती : स्कूल बस में उनके जिगर के टुकडे़ की जान जोखिम में है,इसकी जानकारी होने के बाद अभिभावक सकते
बस्ती : स्कूल बस में उनके जिगर के टुकडे़ की जान जोखिम में है,इसकी जानकारी होने के बाद अभिभावक सकते में हैं। वहीं बड़ी कक्षा के छात्र भी भयभीत हैं, वे साफ बोल रहे हैं कि स्कूल के बस से उन्हें नहीं आना-जाना है। पहले वाहन चलाने वाले की कुंडली टटोलेंगे,फिर अपने बच्चे को स्कूल बस के हवाले करेंगे।
बता दें कि शनिवार को परिवहन विभाग ने स्कूल बस चलाने वाले चालकों का नेत्र परीक्षण कराया तो 131 चालकों में से पांच चालक ऐसे मिले जिन्हें कलर ब्लाइंडनेस यानी रंग की पहचान न कर पाने की बीमारी है। जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया तो अभिभावक सन्न रह गए। रविवार को जागरण कार्यालय में ऐसे कई अभिभावकों का फोन आया जिसमें उन लोगों ने बताया कि वे बिना अच्छी तरह से ड्राइवर के बारे में जानकारी हासिल किए बच्चों को बस से नहीं भेजेंगे। गांधी नगर के इंदिरा नगर के रंजीत कु मार सिंह, पुराना डाकखाना के आशीष कुमार, रोडवेज गायत्री मंदिर के पास निवासी अजय ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।
-अनिवार्य रूप से कराएं स्वास्थ्य परीक्षण
-परिवहन विभाग ने कलर ब्लाइंड चालकों की पहचान होने के बाद कदम उठाए हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए सभी स्कूल बस के चालकों का अनिवार्य रूप से नेत्र परीक्षण कराने का फरमान जारी किया गया है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी शंकर जी सिंह ने बताया कि कई अभिभावक भी ने उन्हें भी फोन पर इसे गंभीरता से लेने की सलाह दे चुके हैं।
डीआईजी का फरमान, अभियान चलाकर की जाए जांच
-बच्चों के आवागमन में लापरवाही पर डीआईजी लक्ष्मी नारायण ने कड़े तेवर दिखाए हैं। बकौल डीआईजी इसमें कोई भी छूट क्षम्य नहीं है। पूरे रेंज में अभियान चलाकर स्कूल बस चालकों की जांच कराई जाएगी। ताकि बच्चे सुरक्षित स्कूल से घर पहुंच सकें।