मील का पत्थर साबित होगा रंग-ए-खूं रंग-ए-हिना काव्य संग्रह
बस्ती: रंग-ए-खूं रंग-ए-हिना काव्य संग्रह उर्दू अदब की शायरी में मील का पत्थर साबित होगी। इस काव्य स
बस्ती: रंग-ए-खूं रंग-ए-हिना काव्य संग्रह उर्दू अदब की शायरी में मील का पत्थर साबित होगी। इस काव्य संग्रह की रचनाएं समाज के युवा वर्ग की दशा व दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यह उद्गार उदर्ृ साहित्य के प्रख्यात शायर प्रो. मलिक जादा मंजूर ने व्यक्त किया। वह रविवार को शहर के गांधीनगर स्थित एक होटल के सभागार में प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में आयोजित रंग-ए-खूं रंग-ए-हिना काव्य संग्रह का विमोचन बतौर मुख्य अतिथि कर रहे थे।
विशिष्ट अतिथि डा. मसूदउल हसन उस्मानी, डा. अजीज अहमद व डा. मोहम्मद इकबाल ने कहा कि यह काव्य संग्रह संपूर्ण साहित्य है, जनोपयोगी साबित होगा। राजदां अमानुल्लाह का यह काव्य संग्रह लोगों का मार्ग दर्शक भी बनेगा।
कार्यक्रम के दौरान पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि ने किया।
सत्येंद्र नाथ मतवाला, डा. एहसान अहमद,हरीश दरवेश, तरिक दरवेश, जलील आदिल ने अपनी-अपनी रचनाएं पेश की। डा. सलीम अहमद, समाजसेवी मोहम्मद अकरम, डा. रमेश चंद्र श्रीवास्तव, फरजान अहमद सैय्यद मसरूर अहमद, डा. तारिक उस्मानी, परवेज फजील सहित तमाम लोग मौजूद रहे।