त्योहार पर भी सफाई से तनातनी
बस्ती : ये स्वच्छता के अगुआ व भगवान के दूसरे रूप माने जाते हैं। इनके कार्यालय से निकलने के बाद लोग स
बस्ती : ये स्वच्छता के अगुआ व भगवान के दूसरे रूप माने जाते हैं। इनके कार्यालय से निकलने के बाद लोग स्वच्छता अपनाने को प्रेरित होते हैं,। लेकिन जब ये ही गंदगी बिखेर कर बीमारी फैलाना शुरू कर दें तो ऐसे में कैसे स्वच्छ भारत- स्वस्थ भारत की कल्पना संभव है।
हम बात कर रहे हैं जिला अस्पताल प्रशासन व निजी चिकित्सकों की, जो अपने कार्यालय की सफाई करने में तो कोई कसर नही छोड़ते, लेकिन सफाई के बाद निकलने वाला कूड़ा बाहर सड़क पर डाल देते हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है।
यहां अपशिष्ट निस्तारण का कोई कोई इंतजाम नहीं
जिला अस्पताल से निकलने वाला कूड़ा कचरा के अलावा अन्य अपशिष्ट को नष्ट करने का कोई इंतजाम नहीं है। जिम्मेदार भी कम समझदार नही हैं, अस्पताल में चिल्ड्रेन वार्ड के पीछे चहारदीवारी के बीच स्थित जगह को कूड़ा स्टोर स्थल बना दिया गया है। अस्पताल में निकलने वाला कैसा भी कूड़ा हो रोज यहीं पर डाल दिया जाता है। स्थित यह कि वार्ड के पास पहुंचते ही गंदगी व बदबू से मरीजों के साथ उनके घर वाले भी परेशान रहते हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन कोई रहम करने के बजाय गंदगी फैलाकर बीमार करने पर तुला हुआ है।
निजी चिकित्सालय भी पीछे नहीं
सरकारी व्यवस्था के जिम्मेदार तो गंदगी फैला ही रहे है, निजी चिकित्सक भी सफाई सिर्फ अपने अस्पताल के भीतर रखना मुनासिब नहीं समझते हैं। अस्पताल के बाहर की गंदगी से इनका कोई लेना देना नहीं है। अस्पताल से निकलने वाला कूड़ा ही नहीं सिरिंज, पट्टी आदि भी आदि सड़क पर डाल देते हैं। इससे नागरिकों में संक्रामक रोगों के होने का खतरा तो रहता ही है, छुट्टा जानवरों के लिए जानलेवा साबित होता है। बुधवार को जिला अस्पताल से दक्षिण दरवाजा रोड पर स्थित एक निजी चिकित्सालय के बाहर बिखरे कूड़े में कई दवाइयां के साथ सिरिंज भी फेंक दिया गया। यह तो सिर्फ एक चिकित्सालय की स्थिति है। शहर के अधिकांश निजी चिकित्सालय कूड़ा निस्तारण के लिए अमूमन यही रास्ता अपना रहे हैं। भले ही यह किसी के लिए जानलेवा साबित हो जाय।
यहां भी नहीं दिखी सक्रियता
दीपावली की पूर्व संध्या पर नगर पालिका के सफाई कर्मी भी सुस्त दिखे। दक्षिण दरवाजा पुलिस चौकी से पुरानी बस्ती जाने वाले रास्ते पर मैनुन्नदीन की दुकान के सामने पड़ा कूड़ा बुधवार को दोपहर बाद तक कोई उठाने नहीं आया। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि चाहे त्योहार हो या अन्य कोई दिन सफाई कर्मी अपनी मर्जी से आते हैं और चले जाते है।