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अपनों से गिला, खत्म कर ली जिंदगी

By Edited By: Published: Sun, 29 Jun 2014 07:41 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jun 2014 07:41 PM (IST)
अपनों से गिला, खत्म कर ली जिंदगी

जागरण संवाददाता, बरेली: अपनों से आई रिश्तों में दरार के बाद दो युवकों ने अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया। एक ने ट्रेन के सामने कूदकर मौत को गले लगाया तो एक ने खुद को आग की लपटों के हवाले कर दिया। दोनों की मौत की खबर आते ही परिवारों में कोहराम मच गया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

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पहली मौत

ट्रेन के सामने लगा दी छलांग

चौधरी तालाब किला निवासी मो.इलियास (30) जरी का काम करते थे। परिवार में पत्नी सीमा व एक लड़का है। परिजनों की माने तो पिछले कुछ दिनों से मो.इलियास परेशान थे। इसकी वजह जरी का काम सही से न चलना था। वहीं शनिवार को पत्नी से भी उनकी कुछ अनबन हो गई। रविवार सुबह इलियास अपने घर से निकले और हुसैनबाग रेलवे फाटक जहां पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो इलियास ने एक ट्रेन के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद परिजनों ने बताया कि दो साल पहले ही इलियास का निकाह हुआ था।

दूसरी मौत

खुद को कर लिया आग के हवाले

संजयनगर बारादरी निवासी दीपक (24) कपड़ों पर प्रेस करने का काम करते थे। दो साल पहले ही उनकी शादी बदायूं निवासी रिंकी से हुई थी। पिछले आठ माह से दीपक डेलापीर के पास एक किराए के मकान में रह रहे थे। परिजनों ने बताया कि शनिवार दोपहर किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच झगड़ा हो गया। इसके बाद रिंकी अपने मायके चली गई। इससे दीपक परेशान हो गए। शाम को दीपक संजयनगर स्थित अपने घर पहुंचा और मिंट्टी का तेल लेकर छत पर बने कमरे में चला गया। इसके बाद दीपक ने मिंट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग लगा ली। कमरे से आग की लपटें उठता देख परिजन अवाक रह गए। उन्होंने किसी तरह आग बुझाई और दीपक को उपचार के लिए एक निजी अस्पताल ले गए। जहां रविवार तड़के दीपक की मौत हो गई।

टूट रहे रिश्ते

पिछले चार महीने में करीब आधा दर्जन लोगों ने मौत को गले लगाया। उनकी मौत की वजह अपनों का रूठना रहा। हाल में ही सुभाषनगर में एक युवक ने फांसी लगा ली थी। उसकी मौत की वजह भी पत्नी का मायके जाना रहा था।

रिश्ते टूटने की वजह

आपसी सामंजस्य का न होना

भागमभाग भरी जिंदगी

सहनशीलता की कमी

काम का बोझ

बचाए जा सकते हैं रिश्ते

आपसी समझ विकसित करना

एक दूसरे की काउंसिलिंग

बात बर्दाश्त करने की क्षमता

आपसी विवाद को सार्वजनिक न करना


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