सुरक्षा दीवार में 'कैद' रहेंगी रेल पटरियां
जागरण संवाददाता, बरेली : रेल पटरियों के इर्द-गिर्द सुरक्षा दीवार खड़ी होगी। इसके लिए जम्मूतवी से हावड़ा स्टेशन तक सुरक्षा दीवार बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
2038 किमी के रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन 20 फरवरी से शुरू हो गया है। खुले रेलखंड पर अचानक आने वाले लोग, वाहन और जानवरों के कारण यह ट्रेनें रफ्तार नहीं पकड़ पातीं। इसी को लेकर रेलवे ने इलेक्ट्रिक जम्मूतवी-हावड़ा रेलखंड के दोनों ओर सुरक्षा दीवार बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जम्मूतवी स्टेशन से ईट और लोहे के ऐंगिल की दीवार बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। सुरक्षा दीवार का निर्माण पूरा होने के बाद रेल हादसों में कमी आएगी, तो वहीं ट्रेनें भी अपनी रफ्तार से दौड़ सकेंगी।
रेलवे जमीनों से रुकेंगे कब्जे
रेलखंडों पर सुरक्षा दीवार बनने से भूमि पर कब्जे रुकेंगे। लोग खाली पड़ी भूमि पर कब्जे करने लगते है। इसके बाद रेलवे को अवैध कब्जे हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
सुरक्षित हुआ लालकुआं रेलखंड
इज्जतनगर रेल मंडल ने बरेली-लालकुआं ब्राडगेज पर सात जनवरी को ट्रेन संचालन शुरू होने के बाद ट्रैक को सुरक्षित करने का कार्य शुरू किया था। यह रेलखंड सुरक्षा दीवार से सुरक्षित हो चुका है। सिटी स्टेशन से लालकुआं तक रेल पटरी के दोनों ओर ईट और लोहे के एंगिल की दीवार लगभग पूरी बन चुकीं है।
मानव रहित क्रॉसिंग पर लगेगी पाबंदी
रेलखंड खुले होने के कारण लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से रेल पटरियों से रास्ता बना लेते हैं, जो कुछ समय बाद मानव रहित क्रॉसिंग का रूप ले लेते हैं। इनको बंद कराने में रेलवे को काफी मुश्किल आती हैं।
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