आपदा राहत में सड़कें रुकीं, ठेकेदार फंसे
जागरण संवाददाता, बरेली : आपदा राहत के कामों के फंसने का इंतजाम हो गया। केंद्र ने दूसरी किश्त जारी करने से इन्कार कर दिया है। यह पैसा अब राज्य सरकार को वहन करना होगा। आदेश आते ही योजना में काम करने वाले ठेकेदार आंदोलित हो उठे हैं। उन्होंने एक्सईएन प्रांतीय खंड कार्यालय पर धरना देकर भुगतान की मांग उठाई। भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए।
मार्च 2013 में आपदा राहत में 114 काम मंजूर हुए थे। केंद्र ने उसके लिए पहली किस्त भी जारी कर दी थी। पीडब्ल्यूडी के तीनों खंड ने उस पैसे से काम भी शुरु करा दिए। कुछ ठेकेदारों ने तो 80-90 फीसद काम पूरा भी कर लिया। केंद्र से दूसरी किस्त नहीं आइ तो ठेकेदारों का भुगतान रुक गया। उन्हें उम्मीद थी कि देर-सवेर पैसा आ जाएगा। पैसे के बजाय एक पत्र आया है, जिसमें राहत आयुक्त ने साफ किया है कि दूसरी किस्त का पैसा केंद्र से नहीं मिलेगा। उसे राज्य सरकार को वहन करना पड़ेगा। अब इस पर राज्य सरकार का निर्णय भविष्य में आएगा। उससे पहले ठेकेदार भड़क गए हैं। 17 करोड़ का भुगतान किए जाने की मांग लेकर ठेकेदारों ने बरेली कांट्रेक्टर एसोसिएशन की बैनर तले धरना दिया। एसआरएमडी योजना में भुगतान कराने पर जोर दिया। इसके अलावा भी अपनी तमाम मांगे उठाते हुए भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। धरने पर महामंत्री अब्दुल कय्यूम अंसारी, शिवस्वरूप सिंह, धर्मेद्र शर्मा, संजीव, ब्रजेंद्रपाल सिंह, विवेक सक्सेना, अवधेश सिंह, संदीप गुप्ता, राकेश कुमार ने विचार रखे।