तीन तलाक पर बरेली ईदगाह से उठी शरीयत बचाओ आंदोलन की आवाज
तीन तलाक और समान नागरिक संहिता के खिलाफ बरेली मरकज से आंदोलन का आगाज हो गया। अब देशभर में शरीयत बचाओ आंदोलन होगा।
बरेली (जेएनएन)। तीन तलाक और समान नागरिक संहिता के खिलाफ बरेली मरकज से आंदोलन का आगाज हो गया। बाकरगंज ईदगाह मैदान में शहर काजी मौलाना असजद रजा खां कादरी की सदारत में जुटे मुसलमानों ने एलान किया शरीयत में बदलाव बर्दाश्त नहीं करेंगे। देशभर में शरीयत बचाओ आंदोलन होगा। केंद्र सरकार को आरएसएस का एजेंडा लागू नहीं करने देंगे।
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आल इंडिया जमात रजा-ए-मुस्तफा, तंजीम उलमा-ए-इस्लाम दिल्ली और रजा एकेडमी मुम्बई ने संयुक्त रूप से शरीयत बचाओ आंदोलन के तहत ईदगाह मैदान में विरोध कार्यक्रम किया। यहां इकट्ठा मुसलमानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एलान किया कि उन्हें तीन को एक तलाक मानना और कॉमन सिविल कोड मंजूर नहीं है। जमात के अध्यक्ष एवं शहर काजी मौलाना असजद रजा खां ने कहा कि देश आरएसएस के एजेंडे पर नहीं चलेगा। मुसलमान कोर्ट का सम्मान करते हैं। इसके बावजूद केंद्र की मोदी सरकार शरीयत में दखलंदाजी करके जज्बात से खेल रही है। उसके लिए संविधान के अनुच्छेद 44 की अपनी तरह से व्याख्या की जा रही है।सरकार और विधि आयोग की मुखालफत में उलेमा लामबंद
धार्मिक आजादी को खत्म करने की कोशिश हो रही है, जो बर्दाश्त से बाहर है। जमात के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि शरीयत में दखल का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। यूपी में सियासी लाभ लेने के प्रयास में लगी भाजपा को इसका नुकसान भुगतना पड़ेगा। तंजीम उलमा के अध्यक्ष मुफ्ती अशफाक कादरी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के खिलाफ दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को आगे आना चाहिए। इस्लामिक रिसर्च सेंटर के एम नदीम रजा कादरी ने बताया कि शरीयत बचाओ आंदोलन 23 अक्टूबर को बहराइच, 25 अक्टूबर को लखनऊ, 28 अक्टूबर को दिल्ली में होगा। लोकसभा कूच को लेकर भी रणनीति बन रही है।