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नगर निगम में फटा माफिया अतीक के नाम का ऑडियो बम, अधिकारी ने धमकाया

पूर्वाचल के माफिया का नाम नगर निगम के टेंडरों से जुड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:27 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:27 AM (IST)
नगर निगम में फटा माफिया अतीक के नाम का ऑडियो बम, अधिकारी ने धमकाया
नगर निगम में फटा माफिया अतीक के नाम का ऑडियो बम, अधिकारी ने धमकाया

जेएनएन, बरेली : पूर्वाचल के माफिया का नाम नगर निगम के टेंडरों से जुड़ने लगा है। इस बार नगर निगम में माफिया अतीक व हरिशंकर तिवारी के नाम का ऑडियो बम फटा है। जलकल विभाग में तैनात अधिकारी व ठेकेदार के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें अधिकारी ठेकेदार को धमका रहे हैं। इसके साथ ही उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव भी बना रहे हैं।

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बोले, पत्र को बता दो कूटरचित

वायरल ऑडियो में अधिकारी ने तीन फर्मों में से किसी के प्रोपराइटर नहीं होना बताया। कहा कि तीनों फर्मो को मरवा दोगे। विजिलेंस जांच हो रही है। विभाग की त्रुटि की जांच होगी, वित्तीय अनियमितता नहीं हुई इसलिए कोई कर्मचारी जेल नहीं जाएगा। तीनों फर्मे फर्जी हैं, जिनके बारे में पूछा जाएगा। विजिलेंस जांच में सब सामने आ जाएगा। इसलिए लिख दो कि शिकायत मेरे द्वारा नहीं की गई है। यहां आओ लेकिन किसी को भनक नहीं लगे। हम लिखवा देंगे ताकि आपकी सेफ्टी हो जाए और काम भी दुरुस्त हो जाए। अधिकारी ने मेल एड्रेस और घर का पता भी मांगा। कहा, मेल पर ही पेपर की पुष्टि को कहेंगे। ठेकेदार ने अपनी सिक्योरिटी की बात कही तो अधिकारी ने कहा कि हम जो मेल पर भेजेंगे उसी पर जवाब दे देना। उस पर लिखना कि शिकायती पत्र पर मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं। यह पत्र कूटरचित है।

माफिया अतीक का डर दिखाया

ऑडियो में अधिकारी ने कहा कि अतीक अहमद से मेरी पर्सनल मुलाकात है। इलाहाबाद में एक केस हुआ था मेरे सामने, मेरे खिलाफ एफआइआर हुई थी। तब अतीक ने एसएसपी से कहा कि तुम्हें जिंदा रहना है या नहीं रहना। अधिकारी का नाम हटाओ। तब पूरी एफआइआर बदली गई।

टेंडर लेने वाले को बताया माफिया का रिश्तेदार

अधिकारी ने ठेकेदार से कहा, गोरखपुर के हरिशंकर तिवारी का नाम सुना है। उनके रिश्तेदार ने ही कांट्रेक्ट लिया है। उनके पास हथियारों की फैक्ट्री है। कम से कम एक हजार से डेढ़ हजार गुर्गे भी हैं।

यह है मामला

नगर निगम के जलकल विभाग ने पिछले महीने शहर में संचालित 67 नलकूपों के ऑटोमेशन व अनुरक्षण के लिए वाराणसी की कंपनी को टेंडर दिया। टेंडर दस साल का है, जिसमें नगर निगम को हर साल करीब 1.2 करोड़ रुपये खर्च करना है। फिरोजाबाद कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया में आपत्ति जताते हुए महापौर से शिकायत की थी। महापौर ने विजिलेंस या नगर आयुक्त से अपने स्तर से जांच करवाने के निर्देश दिए थे। नगर आयुक्त ने जांच करवाई तो रिलाइट सोल्यूशन के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इस आधार पर फर्म को ब्लैक लिस्ट कर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया।

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नगर निगम में अगर माफिया के नाम से धमकी दी जा रही है तो यह सभी के लिए खतरा बन सकता है। वायरल ऑडियो की जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. उमेश गौतम, महापौर - वायरल ऑडियो सुना है, इसमें आवाज अधिकारी की ही लग रही है। सोमवार को उनका स्पष्टीकरण लिया जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की संस्तुति की जाएगी।

-आरके श्रीवास्तव, नगर आयुक्त


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