कागजों में पहला दर्ज, मूल मालिक तीसरा
जागरण संवाददाता, बरेली : शहर में केवल 100 रुपये के स्टाम्प पर ही पुराने ऑटो की खरीद-बिक्री का खेल चल
जागरण संवाददाता, बरेली : शहर में केवल 100 रुपये के स्टाम्प पर ही पुराने ऑटो की खरीद-बिक्री का खेल चल रहा है। नगरीय क्षेत्र में 70 फीसद से अधिक ऑटो दूसरे मालिकों के नाम पर चल रहे हैं। एक के बाद दूसरे और तीसरे मालिक तक ऑटो पहुंच गए, लेकिन कागजों में पहले मालिक का ही नाम दर्ज है। पुराने परमिट पर नए मालिक का नाम चढ़ाए जाने पर रोक के चलते यह खेल हो रहा है। शहर की एक वाहन एजेंसी ने निजी कंपनी से कराए गए सर्वे में यह सच सामने आया। कंपनी ने 133 ऑटो पर किए गए सर्वे की रिपोर्ट आरटीओ को सौंपी है।
133 ऑटो की पड़ताल
निजी एजेंसी ने नगरीय क्षेत्र में दौड़ रहे ऑटो पर सर्वे किया था। शहर के सेटेलाइट चौराहा, बरेली जंक्शन, चौपुला, डेलापीर, रोडवेज बस अड्डा, कोहड़ापीर, इज्जत नगर, स्टेडियम रोड, पीलीभीत बाइपास सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में ऑटो की जानकारी की। 133 ऑटो पर किए गए सर्वे में पता चला कि लगभग 85 से ज्यादा ऑटो को मूल मालिक बेच चुके हैं, जबकि आरटीओ दफ्तर में इसकी सूचना ही नहीं है। शहर में दौड़ रहे 25 प्रतिशत से अधिक ऑटो तो दो से तीन बार केवल बेचे जा चुके हैं।
महज 100 रुपये के स्टॉम्प पर एग्रीमेंट
परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक किसी वाहन को बेचे जाने पर पंजीयन प्रपत्र में नए स्वामी का नाम दर्ज कराना जरूरी है। लेकिन, ऑटो महज 100 रुपये के स्टॉम्प पर नोटरी के जरिए ही हस्तांतरित किए जाते हैं। आरटीओ दफ्तर के रिकॉर्ड में वाहन मालिक के तौर पर प्रथम खरीदार का ही नाम दर्ज है। खास बात, बार-बार बिक्री में वाहन की कीमत के साथ ही परमिट के लिए भी 10 से 20 हजार रुपये तक अलग से उगाही की जा रही, जबकि परिवहन नियमों के अनुसार परमिट केवल स्वेच्छा से ही नए वाहन मालिक को दिया जा सकता है, इसके लिए रकम नहीं ली जा सकती।
2013 से सीएनजी के परमिट पर रोक
बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते सरकार ने 2010 में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो, टेंपो के शहर में संचालन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से केवल सीएनजी से चलने वाले तीन पहिया परिवहन वाहनों को ही परमिट दिए गए। सीएनजी ऑटो की संख्या अधिकृत कोटे से अधिक होने पर नगरीय क्षेत्र में 26 अगस्त 2013 से इसके नए परमिट पर प्रतिबंध है। वर्तमान में केवल देहात क्षेत्र के लिए डीजल से चलने वाले ऑटो को ही नया परमिट जारी किया जाता है।
वर्जन..
ऑटो के खरीदने-बेचने पर कोई रोक नहीं है। हां, परमिट नहीं बेचा जा सकता। परमिट केवल उपहार के तौर स्वेच्छा से ही किसी को दे सकते हैं। यदि परमिट की बिक्री या इसके लिए रुपये लिए जाने की शिकायत आई तो कार्रवाई की जाएगी।
-आरआर सोनी, आरटीओ