डीआइजी के निरीक्षण में कोतवाली फेल
जागरण संवाददाता, बरेली : वार्षिक मुआयना में कोतवाली फेल हो गई। डीआइजी आशुतोष कुमार ने अपराध संबंधित
जागरण संवाददाता, बरेली : वार्षिक मुआयना में कोतवाली फेल हो गई। डीआइजी आशुतोष कुमार ने अपराध संबंधित विवरण पत्र के आंकड़ों में भ्रामक स्थिति पाई, अपराध और शस्त्र रजिस्टर में गड़बड़ी मिलने के बाद नाराजगी जाहिर की। लंबित विवेचनाओं और इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी नहीं होने पर शहर कोतवाल सुधीर पाल धामा को चेतावनी दी।
डीआइजी सबसे पहले कोतवाली परिसर में खड़ी गाड़ियां देखने पहुंचे। एक कार की नंबर प्लेट गायब देखकर पूछा कि क्लेम के वक्त गाड़ी पहचान कैसे करोगे। कोतवाली परिसर में माल वाहनों व लावारिस वाहनों के रख रखाव और निस्तारण पर डीआइजी ने नाराजगी जताई। ये बात भी सामने आई कि कुछ समय पहले परिसर में माल वाहन में आग लगने की घटना के बाद उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। डीआइजी ने जब थाना प्रभारी और हेड मोहर्रर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि इसका थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। सिर्फ जीडी में तस्करा अंकित किया गया है। डीआइजी ने गड़बड़ी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुकदमा दर्ज होना चाहिए था।
निस्तारण पता चले न ही लंबित समझ आये
अभिलेखों के निरीक्षण में शस्त्र रजिस्टर में भी गड़बड़ी मिली। अपराध रजिस्टर को देखकर ये पता नहीं चल सका कि मुकदमों का नतीजा क्या रहा।
अपराधी पकड़ने और केस वर्कआउट कोशिश नहीं हुई
थाने में गंभीर अपराधों की सात विवेचना, 32 विवेचनाएं अनावरण के लिए शेष मिली। अन्य धाराओं में 212 विवेचना लंबित चल रही है। सात इनामी बदमाश गिरफ्तार नहीं हो सके। ये मामले निस्तारण की कोशिश भी नहीं हुई। प्रभारी निरीक्षक ने अपराध संबंधित विवरण पत्र भ्रामक दिए तो उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई।
इससे पहले कोतवाली को फूलों से सजाया गया। तीन दिन से सफाई चल रही थी।
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डीआइजी की फ्लिट पर भैंसों का ब्रेक
डीआइजी शाम के वक्त कोतवाली पहुंचे तो नॉवेल्टी पर भैंसों का झुंड गाड़ियों के सामने आ गया। जिससे गाड़ियां रुक गई। कोतवाली पर तैनात सिपाही ने देखी तो दौड़ता हुआ पहुंचा और भैंसों को सामने से हटाया।