स्वाइन फ्लू वैक्सीन की कालाबाजारी
-पुरानी वैक्सीन नए वायरस पर नहीं प्रभावी, फिर भी बिक रही - दो से तीन हजार रुपये की बिक रही वैक्सी
-पुरानी वैक्सीन नए वायरस पर नहीं प्रभावी, फिर भी बिक रही
- दो से तीन हजार रुपये की बिक रही वैक्सीन
जागरण संवाददाता, बरेली : बाजार में स्वाइन फ्लू का खौफ भुनाया ज रहा है। लोग रोकथाम के लिए पुरानी वैक्सीन ढूंढ रहे हैं। उसके लिए उन्हें दो से तीन हजार रुपये तक देने पड़ रहे हैं। बड़ी बात यह है कि वायरस नया है, लेकिन वैक्सीन पुराने वायरस एचवनएनवन की बनी हुई है, जो असर नहीं करेगी।
मिलती हैं एक हजार वैक्सीन
स्वाइन फ्लू की संभावना पर केंद्र सरकार दवा कंपनियों से वैक्सीन तैयार करवाती है। इसकी संख्या हर जिले के लक्ष्य के मुताबिक होती है। हर जिले को एक हजार वैक्सीन दी जाती है। इसके अलावा बाजार में भी इतनी ही वैक्सीन आ पाती हैं। इसका कारण यह है कि वैक्सीन की मियाद अधिकतम एक साल होती है। यदि वायरस नहीं फैला तो वैक्सीन खराब होती है, इससे दुकानदारों को बड़े घाटे का सामना करना पड़ता है।
फैला वायरस, अंतिम चरण में वैक्सीन
इस बार वायरस का प्रकार बदला गया है। पिछले साल एचवनएनवन वायरस था, लेकिन इस बार वह बदल गया। पुरानी वैक्सीन बाजार में गिनती की है, लेकिन दुकानदार इसका लाभ उठा रहे हैं। दो से तीन हजार में एक-एक वैक्सीन दी जा रही है।
यह बरतें सावधानी
यदि कोई बाजार से स्वाइन फ्लू की वैक्सीन खरीद रहा है तो पहले स्वास्थ्य विभाग या चिकित्सकों से जान लें कि बाजार में उपलब्ध वैक्सीन किस वायरस के खात्मे के लिए बनी हैं। वर्तमान वायरस के लिए वह सही है या नहीं।
वायरस प्रकार बदल रहा है। वैक्सीन खरीदने से पहले लोग जान लें कि उससे रोकथाम होगी या नहीं। स्वाइन फ्लू कंट्रोल में है। डरें नहीं, हर बुखार स्वाइन फ्लू नहीं होता।
- डा. विजय यादव, सीएमओ