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कागज में सौ गार्डो का भुगतान, ड्यूटी पर गिने-चुने

जागरण संवाददाता, बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन अपने परिसर की सुरक्षा पर हर माह करीब दस ल

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 06:40 PM (IST)
कागज में सौ गार्डो का भुगतान, ड्यूटी पर गिने-चुने

जागरण संवाददाता, बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन अपने परिसर की सुरक्षा पर हर माह करीब दस लाख और साल भर में करीब एक करोड़ रुपये खर्च करता है। सौ से अधिक सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं। मगर जिस तरह से आए दिन विश्वविद्यालय परिसर और गेट पर छात्रों के गुटों के बीच भिड़ंत हो रही है, उससे लगता है कि ये गार्ड तमाशबीन हैं। सिर्फ घटना की अधिकारियों तक सूचना देने की रस्म ही निभाते हैं।

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विश्वविद्यालय में सौ से अधिक सुरक्षा गार्ड बाहर की एक सिक्योरिटी एजेंसी से अनुबंध कर रखे हैं। इन गार्डो के मानदेय भुगतान पर हर महीने करीब दस लाख रुपये का खर्च होना बताया जाता है। इस प्रकार देखें तो तो पूरे एक साल में करीब एक करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। बावजूद इसके विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था लचर है। आए दिन परिसर में छात्र गुटों के बीच मारपीट हो जाती है। गार्ड बीच-बचाव करने की कोशिश भी नहीं करते।

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कई बार हो चुकी है चोरी

दीवाली की छुंिट्टयों के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रावास का ताला तोड़कर छात्रों के लैपटाप और नकदी चोरी हो चुकी है। इसके अलावा अन्य विभागों में कई बार चोरी के मामले सामने आए हैं। इससे साफ पता चलता है कि सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड रात में भी ड्यूटी ठीक से नहीं करते।

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सुरक्षा की होनी चाहिए समीक्षा

विश्वविद्यालय परिसर की लचर सुरक्षा व्यवस्था पर छात्रनेता भी मुखर हैं। विराट कन्नौजिया, जोगेंद्र सिंह, उपेंद्र पटेल आदि छात्र नेताओं का कहना है कि परिसर में इससे पहले होने वाली छोटी घटनाओं को विश्वविद्यालय के जिम्मेदार नजरअंदाज कर देते हैं। बाद में यही घटनाएं बड़े बवाल का कारण बन जाती हैं। आज फाय¨रग हुई है कल कुछ और घटना हो सकती है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर कारगर कदम उठाने चाहिए।


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