आखरी कुल के साथ उर्स नासिरी खत्म
बरेली: उर्स नासिरी का शुक्रवार सुबह फज्र नमाज बाद कुरानख्वानी से आगाज हुआ। जायरीनों ने चादरपोशी-गुलप
बरेली: उर्स नासिरी का शुक्रवार सुबह फज्र नमाज बाद कुरानख्वानी से आगाज हुआ। जायरीनों ने चादरपोशी-गुलपोशी कर दुआएं की। जुमे की नमाज के बाद महफिल-ए-मीलाद के बाद कव्वाल जीशान और फैजान शीशगढ़ ने सदका मिले फरीद का नासिर का हाथ हो, कलाम से समां बांधा। यह कलाम पढ़कर महफिल को रूहानी कर दिया। अस्र की नमाज के बाद शाम साढ़े 6 बजे हजरत नासिर मियां के कुल की रस्म अदा की गई। सज्जादानशीन ख्वाजा सुल्तान अहमद नासिरी ने फातिहा पढ़कर मुल्क के अमन को दुआएं की। इसके बाद रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। इसमें साबरी नासरी खिदमत-ए-खल्क सोसायटी के शाहिद रजा नूरी, रिजवान बरकाती, बब्बू नासिरी, हनीफ नासिरी, अनीस साबरी, फईम साबरी आदि मौजूद थे। दरगाह पर मुशायरे का भी आयोजन किया गया। इसमें आरिफ उस्मानी ने पढ़ा, न होती इश्के मुहम्मद की रौशनी, हम अहले शौक का जीना हराम हो जाए। मुशायरे में डा.अमन तिलियापुरी, अब्दुल रऊफ नश्तर, अतहर एडवोकेट शाद बरेलवी आदि मौजूद थे।