Move to Jagran APP

फूस की झोपड़ियों में रहते हैं 25 हजार परिवार

जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी योजनाओं का लाभ बीपीएल परिवारों को अब तक वर्ष 2002 के बीपीएल सर्वे रि

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2015 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2015 09:20 PM (IST)

जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी योजनाओं का लाभ बीपीएल परिवारों को अब तक वर्ष 2002 के बीपीएल सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मिलता था लेकिन अब यह सूची रद्दी हो गई है। अब इसकी जगह सामाजिक व आर्थिक आधार पर हुई गणना ने ली है। इस सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। व्योमटेक कंपनी ने खुलासा किया है कि बरेली जनपद के 25 हजार परिवार फूस की झोपड़ियों में रहकर रात गुजारते हैं। यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है। अब इन परिवारों को सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी।

loksabha election banner

भारत सरकार के निर्देश पर व्योमटेक कंपनी को सामाजिक व आर्थिक आधार पर सर्वे करने का जिम्मा मिला था। इस कंपनी के सदस्यों ने डोर-टू-डोर सर्वे किया। कच्चे मकान, छप्पर में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक आई। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सबसे अधिक गरीब परिवार बहेड़ी, मीरगंज व नवाबगंज में मिले हैं। इसके अलावा फरीदपुर में भी सात हजार से अधिक परिवार छप्पर व फूस की झोपड़ियों में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। परिवार हर दिन कमाते हैं तो परिवार को खिलाते हैं। यदि मुखिया घर बैठ जाएं तो परिवार का पालन-पोषण नहीं हो पाए। सर्वे में यह भी आया है कि अधिकांश परिवारों के पास न अंत्योदय कार्ड है और न ही बीपीएल। सरकार की अन्य सुविधाओं से भी दूर हैं। अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहां से इन परिवारों के लिए योजनाएं बनेंगी। साथ ही इनके पक्के आवास बनाए जाने की योजना है। इन्हें इंदिरा आवास का लाभ दिया जा सकता है। साथ ही इन परिवार की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा से जोड़ा जाएगा। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और यह भी मुख्यधारा में आ सकेंगे।

वर्जन--

सामाजिक व आर्थिक आधार पर हुए सर्वे में आई आपत्तियों आदि की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई हैं। अब बीपीएल सर्वे 2002 की रिपोर्ट के आधार पर लोगों को लाभ नहीं मिलेगा। यह नया सर्वे सुविधाएं तय करेगा।

--शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.