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डोली गई धरती, मच गया हड़कंप

जागरण संवाददाता, बरेली : सुबह महज दो मिनट ने जिंदगी की रफ्तार को बदल दिया। बिल्डिंग डोल उठीं। स्कूलो

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 08:05 PM (IST)

जागरण संवाददाता, बरेली : सुबह महज दो मिनट ने जिंदगी की रफ्तार को बदल दिया। बिल्डिंग डोल उठीं। स्कूलों में बच्चे, शॉपिंग मॉल में खरीदार, दफ्तरों में कर्मचारी, बाजारों में दुकानदार सभी हिल गए। सिर के ऊपर से छत छोड़कर लोग खुले में आ गए। जबरदस्त दहशत फैल गई। बच्चों को लेने अभिभावक स्कूलों जा पहुंचे। फोन घनघनाने लगे। एक-दूसरे की खैरियत लेने लगे।

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शहरवासियों को करीब डेढ़ दशक बाद फिर भूकंप के झटके महसूस हुए। दोपहर अचानक छतें, दीवारें हिलने लगीं। जमीन से हलचल महसूस होने लगी। अचानक भूकंप ने अफरा-तफरी मचा दी। दहशत में आए लोगों ने बंद भवनों से बाहर निकलना शुरू कर दिया। दुकानों और दफ्तरों से लोग तुरंत बाहर निकल आए। बच्चों को भी स्कूलों से बाहर कर दिया गया। करीब पांच से सात मिनट बाद हलचल रुकी तो सभी अपने काम में लगे। तब तक कई लोगों को भूकंप का एहसास भी नहीं हुआ था। करीब आधे घंटे बाद ही दोबारा हलचल होने पर लोगों की भगदड़ मच गई। मॉल, शापिंग कांप्लेक्स, दफ्तरों और स्कूलों से सभी बाहर निकल आए। इसके बाद स्कूलों को बंद कर दिया। फिनिक्स मॉल समेत अन्य कई प्रतिष्ठानों पर ताले लगा दिए गए। लोग फिर से अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। अस्पतालों से भर्ती मरीजों को तीमारदार बाहर ले आए।

खाली हो गए स्कूल-कैंपस

डीपीएस में पैरेंट मीटिंग चल रही थी। झटके महसूस होते ही सभी लोग कैंपस से बाहर आए गए। कांधरपुर जूनियर स्कूल की शिक्षिका शबीना परवीन के अनुसार जैसे ही भूकंप का झटका महसूस हुआ कुछ बच्चों ने शोर मचाया। उसके बाद सभी बच्चों को तुरंत ही बाहर निकाला। शहर के अन्य स्कूल भी प्रशासन ने बंद करा दिए। शनिवार को बीएड की प्रवेश परीक्षा थी। परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा कक्ष में ही वह दहशत में आ गए। राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट में चल रही परीक्षाओं का निरीक्षण करने पहुंचे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुशाहिद हुसैन के अनुसार अचानक कुर्सियां हिली तो उनको मालूम हुआ भूकंप है। एकाएक वह अपनी टीम के साथ कैंपस से बाहर आ गए। विश्वविद्यालय कैंपस में भी सभी विभागों से लोग बाहर आकर खड़े हो गए। इंजीनिय¨रग के हेड प्रोफेसर एके गुप्ता ने बताया कि झटका महसूस होते ही पूरा डिपार्टमेंट बाहर आ गया। वहीं डीआइओएस कार्यालय भी तुरंत खाली करा दिया।

रेलवे में थमी रफ्तार

अपनी रफ्तार से दौड़ने वाली रेल भी शनिवार को भूकंप के पहले झटके में ही थम गई। मुरादाबाद और इज्जतनगर रेल मंडल के प्रमुख अफसरों ने तुरंत सतर्कता पूर्ण संचालन की हिदायत दी। ट्रेनों को रोकने का आदेश हो गया। ट्रेनों के इंतजार में बैठे यात्री सरकुलेटिंग एरिया की ओर दौड़े। भगदड़ मच गई। यही हाल शहर के बरेली सिटी, इज्जतनगर, चनेहटी, सीबीगंज और भोजीपुरा स्टेशन का भी रहा।

मकान और दुकानों में पड़ी दरारें

नैपाल से उठे भूकंप के झटके ने शहर की कई पुरानी इमारतों को भी हिला दिया। बिहारीपुर कारोलान में खुराना सोप फैक्ट्री के पास अधिवक्ता तसव्वुर हुसैन का करीब 25 साल पुराना पुश्तैनी मकान है, उसमें दरार आ गई। उधर, कांकर टोला में मुहम्मद असलम की मार्केट के लिंटर और दीवारों पर दरारें आ गईं।


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