पुलिस खंगाल रही 'काले कोट' का कैरेक्टर
ज्ञानेन्द्र सिंह, बरेली पुलिस और वकील। दोनों का ही कानून से गहरा नाता है। एक पर उसकी रक्षा और द
ज्ञानेन्द्र सिंह, बरेली
पुलिस और वकील। दोनों का ही कानून से गहरा नाता है। एक पर उसकी रक्षा और दूसरे पर इकबाल बुलंद करने का जिम्मा है। फिर भी अक्सर दोनों के बीच टकराव की नौबत आती रही है। घटनाएं गवाह हैं। हाल ही में इलाहाबाद का बवाल किसी से छिपा नहीं है। जिस तरह पुलिस और वकील आमने-सामने आए, कानून तोड़ा गया वह विचलित करने वाला था। माननीय कोर्ट और पुलिस के आला अफसरों को भी इस पर अफसोस जताना पड़ा। जो हुआ, गुजर गया। आगे ऐसे हालात पैदा न हो इसके लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस अब वकीलों के कैरेक्टर खंगालने में जुटी है। कोशिश है, साफ-सुथरी छवि वाले अधिवक्ताओं से रिश्ता जोड़ा जाए और खराब छवि वालों की हो निगरानी।
अफसरों का मानना है कि ज्यादातर अधिवक्ता साफ-सुथरी व बेदाग छवि वाले हैं मगर कुछ ही के कारण वे भी बदनाम हो जाते हैं। ऐसे में पुलिस रचनात्मक सोच और कानून एवं व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे आने वाले अधिवक्ताओं की सूची तैयार करेगी। थानावार वकीलों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उनके नाम-पते और मोबाइल नंबर को रजिस्टर किया जाएगा। वक्त बेवक्त ऐसे अधिवक्ताओं से मदद भी ली जाएगी। पुलिस के थानावार विभिन्न समारोहों में ऐसे अधिवक्ताओं को सम्मान के साथ बुलाया जाएगा। यही नहीं, कई मामलों में सलाह भी ली जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बारे में पुलिस जानकारी लेकर उनके इलाके की सुरक्षा पर गौर करेगी। उन्हें भी सूचीबद्ध किया जाएगा, जो आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर विवाद पैदा करते हैं। पुलिस की उन पर नजर रहेगी और उन्हें भी साफ-सुथरी वाले अधिवक्ताओं जैसे मुख्य धारा में जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसमें वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ ही बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आगे लाया जाएगा।
बरेली में सभी वकील अच्छे : विनोद
बरेली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव का कहना है कि जिले में सभी वकीलों की साफ-सुथरी और शालीनता वाली छवि है। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश उन्हीं का पंजीयन करती है जिनकी छवि अच्छी होती है। पंजीयन के बाद व्यवहार बदल जाता है तो कार्रवाई काउंसिल भी करती है। हाईकोर्ट ने भी सूची मांगी है, लेकिन बरेली में इस तरह के वकील नहीं है। हम भी चाहते हैं अच्छे छवि वाले ही इस पेशे से जुड़े, जिससे पेशे की गरिमा बनी रहे।
कानून का राज चाहते हैं : मल्होत्रा
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य शिरीष मल्होत्रा का कहना है कि अधिवक्ता समाज भी न्याय का शासन चाहता है। कानून का पालन कराना चाहता है। जल्द ही कौंसिल की बैठक भी होने वाली है, जिसमें यह मुद्दा उठाया जाएगा। वैसे इस तरह की सूची उच्च न्यायालय ने डीजीपी से मांगी है। कहा गया है कि जो लोग हड़ताल करते हैं अथवा इसमें आगे रहते हैं उन्हें सूचीबद्ध किया जाए। इस तरह की सूची पहले भी बन चुकी है जिसमें बरेली के लगभग डेढ़ दर्जन अधिवक्ता शामिल हैं।