जापानी तकनीक से रूबरू होंगे भारत के युवा वैज्ञानिक
जागरण संवाददाता, बरेली : तकनीक के मामले में दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाली जापानी तकनीक से भारत
जागरण संवाददाता, बरेली : तकनीक के मामले में दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाली जापानी तकनीक से भारत के युवा वैज्ञानिकों को रूबरू होने का मौका मिलेगा। दस दिन तक वे दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ जापान की तकनीक को बारीकी से समझेंगे। मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट, रिपब्लिक ऑफ इंडिया डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन की पहल पर 'सकूरा एक्सचेंज प्रोग्राम-2015' के तहत देश के तीन सौ रिसर्च स्कॉलर्स को जापान जाने के साथ साझा कार्यक्रम में शामिल होने अवसर दिया जाएगा। जापान साइंस एंड टेक्नोलाजी एजेंसी के इस कार्यक्रम में दुनिया के कई देशों के युवा वैज्ञानिक शामिल होंगे।
इसके आवेदन मई तक होंगे। यूजीसी की वेबसाइट से छात्र इसके संबंध में सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस बाबत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी विश्वविद्यालय को निर्देश जारी किए हैं ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से युवा वैज्ञानिक इसमें केवल शामिल ही न हों बल्कि विज्ञान की दुनिया में अपने देश की अलग पहचान बना सकें।
साइंस की दुनिया में बढ़ सके युवाओं की भागीदारी
सकूरा एक्सचेंज प्रोग्राम का उद्देश्य यही है कि एशिया के यंग रिसर्च स्कॉलर जापान की तकनीक के साथ मिलकर विज्ञान की दुनिया को नई ऊचाइयों तक ले जा सकें। इसमें चीन, थाइलैंड, ताइवान, सिंगापुर, कंबोडिया, कोरिया, मलेशिया देशों के करीब ढ़ाई हजार से अधिक युवा भाग लेंगे। युवाओं को नोबल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर अकासाकी, प्रोफेसर अमानो, प्रोफेसर नाकामुरा, प्रोफेसर यामानका जैसे वैज्ञानिकों से मुखातिब होने का मौका भी मिलेगा।
ये होंगी एक्टीविटी
दस दिन या अधिकतम तीन सप्ताह के कार्यक्रम में रिसर्च स्कॉलर्स को वैज्ञानिकों के अनुभव, साइंस म्यूजियम रिसर्च इंस्टीट्यूट की विजिट, रिसर्च प्रोग्राम, नोबल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिकों के लेक्चर, स्कॉलर्स को भी अपने अनुभव साझा करने का मौका मिलेगा।