फर्जी फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
जागरण संवाददाता बरेली : देश भर में लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाली एक फर्जी फाइनेंस कंपनी
जागरण संवाददाता बरेली : देश भर में लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाली एक फर्जी फाइनेंस कंपनी के डायरेक्टर समेत दो कर्मचारियों को क्राइम ब्रांच ने मंगलवार दोपहर सिविल लाइंस से धर दबोचा। पूछताछ में उन्होंने लोन के नाम पर लाखों रुपये ठगने की बात स्वीकार की है। उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, मोबाइल, सिम व लैपटाप बरामद हुए।
अलीगढ़ में थाना लोधा के कीरथपुर गांव निवासी पीयूष उपाध्याय जेसीबी के ठेकेदार है। महीने भर पहले उन्होंने एक अखबार में एसएफसी कंपनी द्वारा आसान किश्तों में लोन देने का विज्ञापन देखा। विज्ञापन में दर्ज नंबर पर संपर्क किया तो उन्हें बरेली बुलाया गया। वहां पीयूष की मुलाकात शाहजहांपुर में थाना गढि़या रंगीन के गांव मरेना निवासी विविध कुमार सिंह पुत्र राजकुमार सिंह से हुई। इन दिनों वह ग्रीन पार्क में रहता है। उसके साथ में दो कर्मचारी सुभाषनगर निवासी सुमित गांधी पुत्र राजेश गांधी, प्रेम कुमार गुप्ता पुत्र सुरेंद्र गुप्ता भी मौजूद थे। विविध ने लोन दिलाने का झांसा देकर कागजी प्रक्रिया कराई। इसके बाद फोन कर बीस लाख का लोन स्वीकृत होना बताकर फोन किया और कहा कि उसे कमीशन पहले चाहिए। दस प्रतिशत कमीशन की मांग पर पीयूष ने एक लाख रुपये दे दिए। इसके बाद विविध ने 1.65 लाख रुपये और दे दिए। मंगलवार को विविध ने पीयूष को 35 हजार रुपये लेकर 20 लाख का चेक देने के लिए बुलाया। बरेली आकर पीयूष एक होटल में रुक गया। वहां पर उसकी मुलाकात गांधीनगर थाना व जिला खबड़िया बिहार निवासी मंजुल प्रसाद और कैलाश से हुई। दोनों बिहार में सरकारी टीचर हैं। बातों ही बातों में दोनों ने पीयूष को एसएफसी द्वारा की गई ठगी के बारे में बताया। यह सुनकर पीयूष को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद मंजुल और कैलाश ने क्राइम ब्रांच को सूचना दी। जानकारी लेने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार दोपहर तीनों ठगों को सिविल स्थित ऑफिस जाते समय पीलीभीत बाईपास से गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस ने उनके कब्जे से पांच हजार रुपये, सात मोबाइल, 25 सिम, दो लैपटॉप, तीन फर्जी वोटर आइडी कार्ड और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश व बिहार के स्टांप पेपर बरामद किए हैं। गिरफ्तारी करने वाली टीम में क्राइम ब्रांच प्रभारी विकास सक्सेना, रामेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
साल भर में बन गया करोड़पति
फर्जी फाइनेंस कंपनी एसएफसी के डायरेक्टर विविध कुमार सिंह ने एक वर्ष पूर्व बरेली शहर में ठगी का धंधा शुरू किया। बताया जाता है कि उसकानेटवर्क देश के कई प्रांतों में फैला है। पूछताछ के दौरान उसने बहुत सारे लोगों से ठगी की बात स्वीकार की है। बीस प्रतिशत कमीशन में काम करने की बात तो उसने स्वयं स्वीकार की है। कमीशन के रुपये लेकर वह फर्जी चेक दे देता था और फरार हो जाता था।
अमीर होने की चाहत ने पहुंचाया जेल
विविध को जल्दी अमीर होने की चाहत थी। इसके लिए उसने दोस्तों के साथ ठगी शुरू कर दी। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से एमआरडीएम कोर्स के कारण विविध ने बरेली में काफी समय बिताया। यहीं पर उसने बीकॉम के छात्र सुमित गांधी और प्रेम कुमार को अपने साथ ले लिया। हालांकि सुमित और प्रेम कुमार का कहना है कि वे लोग तो 35 सौ रुपये वेतन पर नौकरी कर रहे थे, उन्हें फर्जी कंपनी की जानकारी नहीं है।
एलआइयू इंस्पेक्टर को भी लगाया चूना
पुलिस के मुताबिक विविध ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों और व्यापारियों को निशाना बनाता था। मोटे लोन के चलते लोग आसानी से उसके चंगुल में फंस जाते थे। उसने एलआईयू के एक इंस्पेक्टर व दो सिपाहियों को भी लोन दिलाया है।
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क्राइम ब्रांच ने तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। कई प्रदेशों में इनका जाल फैला है।
डॉ.एसपी सिंह, एसपी क्राइम