पुलिस के विरोध में सड़क पर उतरे शिक्षक
जागरण संवाददाता, बरेली : गुरुवार को गुलाबराय इंटर कॉलेज में हुए बवाल के अगले दिन शिक्षक सड़कों पर उतर
जागरण संवाददाता, बरेली : गुरुवार को गुलाबराय इंटर कॉलेज में हुए बवाल के अगले दिन शिक्षक सड़कों पर उतर आए। पहले डीआइओएस कार्यालय पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया फिर रैली निकाली। कहा कि अफसरों ने सत्ता के दबाव में एकपक्षीय कार्रवाई की है। शिक्षकों के प्रदर्शन में एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त भी शामिल हुए।
शिक्षकों का कहना था कि अभिभावक यदि स्कूल में पहुंचकर शिक्षकों से मारपीट करेंगे, तोड़फोड़ करेंगे तो पढ़ाना संभव नहीं है। पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो मगर इसके बजाय पक्षपात हो रहा है। डीआइओएस कार्यालय के बाद सैकड़ों शिक्षक नारेबाजी करते हुए एसएसपी कार्यालय पहुंच गए। वहां उनकी एसएसपी से वार्ता संतोषजनक वार्ता नहीं हुई तो शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट का रुख कर दिया। वहां भी जमकर हंगामा किया। यहां एडीएमई से अरुण कुमार को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग। एडीएमई ने आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई कराई जाएगी। उसके बाद शिक्षकों का गुस्सा शांत हुआ।
असुरक्षित माहौल में कैसे पढ़ाए शिक्षक
डीआइओएस कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने कॉलेज में सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से उठाया। कहा कि जब कक्षा में शिक्षक ही सुरक्षित नहीं तो पठन-पाठन का माहौल कैसे बेहतर बन सकता है। गुलाब राय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. गिरीश गर्ग ने कहा कि कक्षा में अक्सर बच्चों में विवाद हो जाते हैं इसका यह मतलब नहीं कि उसको इतना तूल दिया जाए। भय के माहौल में शिक्षक कक्षाओं में नहीं पढ़ा सकता। वहीं एमबी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार सक्सेना ने एसपी सिटी के उस वाक्य की तीखी आलोचना की जिसमें उन्हेांने कहा कि प्रजातंत्र में सिर गिने जाते हैं। कहा, एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को ऐसे शब्द शोभा नहीं देते। शिक्षक एकजुट होकर खड़े हो जाएं तो सिर की गिनती नहीं की जा सकेगी। प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष सुरेश रस्तोगी ने कहा कि जब तक शिक्षक एकजुट नहीं होंगे तब तक समाज में उनको कमजोर आंका जाएगा। यही कारण है कि 2005 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों का जीपीएफ कटना शुरू नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कॉलेज में शिक्षक की सुरक्षा का मुद्दा आज सबसे गंभीर मुद्दा है जिसको प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है।
एकजुट हुए शिक्षक संगठन
गुलाब राय इंटर कॉलेज में तोड़फोड़ और शिक्षकों और प्रधानाचार्य के साथ अभद्रता करने के विरोध में शिक्षक और कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए। डीआइओएस कार्यालय पर माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर वित्तविहीन शिक्षक संघ, राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ, शिक्षणेतर कर्मचारी संगठन, प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारियों ने मिलकर विरोध की आवाज बुलंद की। साथ ही एलान किया कि जिला पुलिस और जिला प्रशासन शिक्षकों को कमजोर न समझे। शिक्षक आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
कार्रवाई तक स्कूल बंद
शिक्षकों ने एलान किया कि जब तक मामले पर कार्रवाई नहीं होती तब तक जिले का एक भी स्कूल नहीं खुलेगा। शिक्षक लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे। प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष सुरेश रस्तोगी ने कहा कि अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, जरूरत पड़ती है तो परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। वहीं आगे की रणनीति तय करने के लिए सभी शिक्षक शनिवार को डीआइओएस कार्यालय पर जमा होंगे।
क्या था मामला
गुरुवार को गुलाब राय इंटर कॉलेज में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही थी। दो बच्चों के बीच कुछ बात को लेकर विवाद हो गया। शिक्षकों ने दोनों को शांत करा दिया। कुछ देर बाद ही एक छात्र अपने अभिभावक को लेकर कॉलेज पहुंच गया। उनके साथ कुछ अन्य लोग भी थे। माहौल खराब होता देख शिक्षकों ने पुलिस को सूचित किया। जब तक पुलिस पहुंचती तबतक अभिभावक के साथ गए लोगों ने शिक्षकों और प्रधानाचार्य के साथ अभद्रता और धक्कामुक्की की। बाद में दोनों पक्ष प्रेमनगर थाने में पहुंचे। एसपी सिटी द्वारा दोषियों को छोड़ने और शिक्षकों की बात न सुनने पर विवाद हुआ। उसी को लेकर शिक्षकों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया।
----------------------
वर्जन-------
कॉलेज शिक्षा का मंदिर होता है। वहां अभिभावकों द्वारा इस प्रकार की घटना करना बेहद शर्मनाक है। मामले पर पुलिस की लाचारी उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। शिक्षक समुदाय में इसको लेकर रोष है और दोषियों पर सख्त कारवाई की मांग करता है। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो शिक्षक समुदाय शांत नहीं बैठेगा।
-जयपाल सिंह व्यस्त, स्नातक विधायक
-----------
एसपी सिटी अपना दायित्व निभाते तो शिक्षकों को स्कूल छोड़कर सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं होती। अब भी एसपी सिटी कार्रवाई के मूड में नहीं है। एक बात में बताना चाहता हूं कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो जिले का एक भी स्कूल नहीं खुलेगा। शिक्षक धरने पर बैठेंगे और उसका जिम्मेदार केवल पुलिस प्रशासन ही होगा।
-सुरेश रस्तोगी, अध्यक्ष प्रधानाचार्य परिषद