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जल्द आबाद होगा चौबारी में नया गांव

जागरण संवाददाता, बरेली: वर्षो पुराना एतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियां चौबारी में शुरू हो

By Edited By: Published: Sat, 01 Nov 2014 01:47 AM (IST)Updated: Sat, 01 Nov 2014 01:47 AM (IST)

जागरण संवाददाता, बरेली: वर्षो पुराना एतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियां चौबारी में शुरू हो चुकी है। झूले से लेकर नौटंकी पार्टी वाले चौबारी पहुंच चुके हैं। मेले का मुख्य आकर्षण नखासा भी आबाद होने लगा है। इसके साथ ही शुरू हो चुका है चौबारी में जल्द नया गांव बसने का, जो आने वाले तीन दिन में पूरी तरह से आबाद हो जाएगा।

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रामगंगा घाट के किनारे यह चौबारी मेला वर्षो से लग रहा है। गांव वालों ने बताया कि पहले सिर्फ लोग गंगा स्नान को आते थे, जो एक दो दिन गंगा किनारे रुकते और वापस चले जाते। मेले का यह रूप परसौना गांव अल्ला बक्श और खुदा बक्श की देन है, जब उन्होंने वर्ष 1925 में यहां लगने वाले मेले के लिए नखासे की सरकारी इजाजत ली। इसके बाद से लगातार प्रशासनिक सहयोग भी मिलने लगा। नक्खासे मेले की ख्याति में काफी बढ़ा दिया। आसपास के विभिन्न प्रांतों के व्यापारी भी अपने-अपने जानवर लेकर यहां आने लगे, जिसमें विशेष तौर पर घोड़े के व्यापारी आते थे, जो आज भी आते हैं। पहले यह मेला पंद्रह दिन तक चलता था, लेकिन आज यह मेला चार दिन लगता ही है। देव उठान एकादशी से यहां पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है, जो पूर्णिमा पर स्नान के बाद ही अपने घरों का रूख करते हैं।

शुरू हुई मनोरंजन के साधनों की तैयारियां

चौबारी मेला में लोग दो से तीन दिन रुकते हैं, इसलिए यहां पर लोगों के मनोरंजन की पर्याप्त व्यवस्था रहती है। फट्टा सिनेमा से लेकर नौटंकी आदि भी आती हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए झूले, मौत का कुआं आदि भी लगते हैं। चौबारी मैदान में झूले वाले पहुंच चुके हैं। एक नौटंकी पार्टी भी आ चुकी है, लेकिन अभी इसकी इजाजत को लेकर संशय है।

घोड़ों के आने से आबाद होने लगा नखासा

मेले का मुख्य आकर्षण नक्खासा होता है। शुक्रवार दिन में यहां पर कुछ घोड़े के व्यापारी आ चुके हैं। गांव वालों ने बताया कि आने वाले दो दिन में यह पूरी तरह आबाद हो जाएगा। नखासे में बैल और दुधारू पशु भी आते हैं।

मेले में पॉलीथिन पर प्रतिबंध

डीएम संजय कुमार ने चौबारी मेले में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चौबारी का मेला रामगंगा के किनारे लगता है। नदी पास होने और फसली जमीन होने के चलते यहां पर पॉलीथिन का इस्तेमाल बेहद घातक है। इसी के चलते मेला क्षेत्र में इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां पॉलीथिन इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एसडीएम सदर और मेला आयोजकों को इस संबंध में निर्देश जारी किए।


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