एसी में भी पसीने-पसीने हो गए अधिकारी
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ागरण संवाददाता, बरेली : जिला योजना की बैठक में प्रभारी मंत्री के सामने कई विभाग के अधिकारी हांफते नजर आए। मंत्री और जनप्रतिनिधियों के सवालों में अधिकारी उलझ गए। जवाब न दे पाने पर मंत्री ने कुछ अधिकारियों को माफ कर दिया लेकिन यह भी कहा कि आगे ऐसा नहीं चलेगा। बैठक में आएं तो होमवर्क करके। एक बार तो उन्हें झल्लाकर कहना पड़ा कि क्या फीगर रटकर आए हो। सवाल कुछ भी पूछे और जवाब सिर्फ एक, जो बात पूछी जाए सिर्फ उसका जवाब दें। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में जिले के विकास के लिए 203.67 करोड़ रुपये के बजट पर मुहर लग गई। इस धनराशि को 41 विभाग खर्च करेंगे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण मंत्री व प्रभारी मंत्री अंबिका चौधरी के अध्यक्षता में विकास भवन में 11 बजे बैठक होनी थी। लेकिन वह वायुसेना के शहीद जवानों की अंत्येष्टि में भाग लेने चले गए। वहां लौटे तो करीब साढ़े बारह बजे बैठक शुरू हुई। शहीदों की अंत्येष्टि के चलते डीएम इस बैठक में नहीं आ पाए। बैठक में लघु सिंचाई विभाग के एक्सईएन के न आने से एसी वाला माहौल गर्म होने लगा। एक्सईएन की जगह एई आए तो मंत्री नाराज और एक्सईएन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रभारी सीवीओ डा. संगीता तिवारी को कहा कि यहां पर आइवीआरआइ है। उसका सहयोग क्यों नहीं ले रहे हैं। विधायक सुल्तान बेग ने कहा पिछली बैठक में भी इन्हें निर्देश दिए थे लेकिन इन लोगों ने काम नहीं किया। वहीं सपा जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव ने कहा कि बायफ योजना से अधिक से अधिक ग्रामीणों तक लाभ पहुंचाए। फिर डीआरडीए के पीडी साहित्य प्रकाश मिश्रा आए तो सवाल जवाब में उलझ गए। मंत्री ने स्वयं सहायता समूहों के बारे पूछा तो वह बता हीं नहीं पाए। विधायक सियाराम सागर ने भी इस बारे में पूछा तो भी वह अटक गए। मंत्री कई योजनाओं के बारे में पूछा मगर वह कुछ और जवाब देने लगे। इस पर मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने पीडी को फटकारा तो वह पसीना-पसीना हो गए। बाद में माफी मांग कर छूटे। डीपीआरओ टीसी पांडे से कहा कि वह धरातल पर भी देखे। जहां पर जितने शौचालय की मांग हो, उतना ही दें। लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में पैसों की बर्बादी न करें।
नलकूप खंड के एक्सईएन की आधी अधूरी रिपोर्ट पर भी जनप्रतिनिधि भड़क गए। एक्सईएन बिजली विभाग पर मामले को टालना चाहा। बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दो नलकूप के विद्युतीकरण के लिए ही धनराशि मिली है। वहीं पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन के जवाब से मंत्री संतुष्ट नहीं हुए। बीएसए ने चंद्रकेश यादव ने 11.77 करोड़ का बजट मांगा। उन्हें बजट तो स्वीकृत कर दिया गया, लेकिन विधायक सुल्तान बेग ने कहा कि बिना मान्यता वाले स्कूलों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। मंत्री ने उन्हें निर्देश दिया कि बिना मान्यता के स्कूलों को बंद करवाएं। फिर स्वास्थ्य विभाग के बजट से तीन करोड़ की कटौती कर दी गई। वहीं होम्योपैथी को पूरा बजट काट दिया गया। आखिर में जल निगम के एक्सईएन पर मंत्री और जिला पंचायत सदस्य भड़क गए। दरअसल पिछली बैठक में मंत्री निर्देश दिया था कि जिला पंचायत सदस्यों के कोटे से हैंडपंप लगवाए। लेकिन एक्सईएन ने इसका प्रस्ताव ही नहीं भेजा। वहीं विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि जिले स्तर की बैठकों में एक्सईएन नहीं आते हैं। इस पर मंत्री ने एक्सईएन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों की ऐसी कार्यकारिणी पर मंत्री ने कहा कि इमानदारी से जनता की सेवा करें और होमवर्क करके बैठक में आएं।
अगस्त में समीक्षा बैठक करेंगे
बैठक में जनप्रतिनिधि बार-बार अधिकारियों से पिछले बजट की धनराशि हुए कार्य के बारे में पूछ रहे थे। इस पर प्रभारी मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि आज बजट की बैठक है। इस बैठक में ही अधिकारी सवालों का सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए 15 अगस्त के एक समीक्षा बैठक करेंगे। जिसमें जनप्रतिनिधि अधिकारियों से पिछले बजट से हुए कार्यो के बारे में पूछेंगे। उस बैठक के लिए अधिकारी तैयारी करके आएंगे।
बिना मान्यता के कैसे चल रहे हैं स्कूल
बैठक में विधायक सुल्तान बेग ने बताया कि मीरगंज के रैयानगला में बिना मान्यता के ज्योति पब्लिक स्कूल चल रहा है। इसके बारे में बीएसए को बताया लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। मंत्री ने बीएसए को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं सीडीओ ने कहा कि जिन जनप्रतिनिधि के इलाके में अवैध तरीके से स्कूल चल रहे हैं। वह लिखित शिकायत करें तो मामले की जांच करके सख्त कार्रवाई की जाए।
हर विकलांग समाजवादी पेंशन का हकदार है
मंत्री ने बताया कि अब हर विकलांग व्यक्ति समाजवादी पेंशन का हकदार होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने हाल में ही घोषणा की है। उस योजना का विकलांग कल्याण अधिकारी इमानदारी से कार्यान्वयन कराएं।
किसको कितना बजट
कृषि विभाग को आठ लाख, गन्ना विभाग को 3.27 करोड, लघु सिंचाई को 4.60 करोड़, निजी लघु सिंचाई को तीन करोड़, उद्यान विभाग को 4.65 लाख, पशुपालन को 1.76 करोड़, दुग्ध विकास को 4.87 करोड़, मत्स्य पालन को 2.41 लाख, वन विभाग को 1.89 करोड़, मनरेगा के लिए 6.64 करोड़, लोहिया आवास के लिए 12.51 करोड़, पंचायती राज को 9.32 करोड़, ग्रामीण स्वच्छता के लिए 1.85 करोड़, लघु सिंचाई को 1.23 करोड़, नेडा को 74 लाख, सड़क एवं पुल 53.33 करोड़, बेसिक शिक्षा को 11.7 करोड़, माध्यमिक शिक्षा 16.09 करोड़, प्रादेशिक विकास दल के लिए 24.50 लाख, खेलकूद को 40 लाख, अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 2.35 करोड़, नगर विकास 4.36 करोड़, समाज कल्याण को 5.77 करोड़, पिछड़ा जाति कल्याण विभाग को दो करोड़ सहित कुल 203.67 करोड़ रुपये बजट पारित हुए। पिछले साल भी इतने कहा बजट था लेकिन उसमें 47.23 करोड़ रुपये ही शासन से आए थे।