Move to Jagran APP

हर स्तर पर हुई लापरवाही, तभी हुई हैकिंग

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 10:46 PM (IST)
हर स्तर पर हुई लापरवाही, तभी हुई हैकिंग

जागरण संवाददाता, बरेली : इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड (आइआरसीटीसी) से जुड़ी कंपनी यात्रा पार्टनर की वेबसाइट के रख-रखाव के संबंध में अनियमितता बरती गई, जिसके चलते हैकिंग हुई। वेबसाइट पर आइपी एड्रेस ट्रेकर भी नहीं लगाया गया था। इतना ही नहीं हर रोज लाखों का कारोबार करने वाली कंपनी के कर्मचारियों की भी गतिविधियां जांच के दौरान संदिग्ध पाई गई है। सूत्रों की माने तो कंपनी की ओर से कारोबार की जानकारी संबंधित विभागों से छुपाने के लिए कई मामलों में लेनदेन को भी गुप्त रखा जा रहा था। जांच कर रही साइबर सेल ने वेबसाइट का रखरखाव करने वाली कंपनी से आइपी एड्रेस लॉग डिटेल मांगी है।

loksabha election banner

वेबसाइट के रख-रखाव का जिम्मा संभालने वाली बंगलुरू स्थित कंपनी प्रोवेब टेक्नोसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रेसिडेंट रजनीश वाजपेयी से यात्रा पार्टनर की सीईओ कविता सक्सेना ने कई बार आइपी एड्रेस लॉग की डिटेल मांगी, लेकिन उनकी ओर से नहीं दी गई। मंगलवार को साइबर सेल ने जब आंख दिखाई गई तो कंपनी 24 घंटे में डिटेल देने को तैयार हो गई। अब तक की जांच में सामने आया है कि कंपनी के एजेंटों की ओर से आइआरसीटीसी पर टिकट बुकिंग के लेनदेन की जानकारी नहीं रखी जा रही थी। जांच से जुड़े सूत्रों की माने तो कंपनी हर रोज लाखों रुपये का कारोबार करती है। उक्त लेनदेन को छुपाने के लिए वेबसाइट में कई जरूरी एप्लीकेशन को नहीं लगाया। बताया जा रहा है कि हैकर्स ने भी कंपनी को करोड़ों की चपत लगाई, लेकिन कंपनी संचालकों ने उक्त जानकारी को भी गुप्त रखा है। फिलहाल साइबर सेल की ओर से जांच होने तक वेबसाइट से कारोबार करने को लेकर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है।

-कुछ एजेंट से होगी पूछताछ -

आइआरसीटीसी के माध्यम से रेल टिकटों का कारोबार करने वाले कंपनी के कुछ एजेंटों से भी जांच टीम पूछताछ की तैयारी कर रही है। जांच के दौरान शहर के आधा दर्जन एजेंटों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इतना ही नहीं कई अन्य जानकारियों को भी जुटाने की तैयारी की जा रही है।

-वर्जन-

अभी इस मामले में कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी। आइपी एड्रेस लॉग डिटेल मंगाई गई है। कंपनी के कर्मचारियों की गतिविधियां भी संदेह के घेरे में है। स्थानीय स्तर की जांच में कामयाबी मिलने पर इंटरपोल से भी मदद ली जाएगी।

-डॉ.एसपी सिंह, एसपी क्राइम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.