मास्टर साहब भूल गए स्कूल आने-जाने का समय
बाराबंकी : शिक्षा व्यवस्था पटरी से अब उतर चुकी है। मास्टर साहब भूल चुके हैं कि उन्हें किस समय स्कूल
बाराबंकी : शिक्षा व्यवस्था पटरी से अब उतर चुकी है। मास्टर साहब भूल चुके हैं कि उन्हें किस समय स्कूल जाना है और कौन से समय में विद्यालय बंद करना है। देखा गया तो विद्यालय समय से न खुल रहे हैं और न ही बंद हो रहे हैं।
बनीकोडर शिक्षा क्षेत्र के कुछ परिषदीय विद्यालयों की हकीकत शनिवार को देखी गई तो विद्यालय व्यवस्था सामने आई। कहीं दस बजे के बाद विद्यालय खोले गए, तो कहीं तीन बजे से पहले ही विद्यालय में ताला लगा दिया गया। जब विभाग द्वारा सुबह 9 बजे से तीन बजे तक स्कूल खोलने का समय निश्चित किया गया है। राजमार्ग के किनारे स्थित प्राथमिक विद्यालय निबहा सुबह 9 बजे बंद था। कुछ देर बाद विद्यालय में पंजीकृत 67 बच्चों में करीब एक दर्जन से अधिक बच्चे आ गए। खास बात तो रही कि समय को ध्यान में रखते हुए बच्चों ने अध्यापकों का इंतजार नहीं किया और प्रार्थना करने के बाद विद्यालय बंद होने की वजह से वहीं पर खेलने लगे। करीब दस बजे सहायक अध्यापक राकेश कुमार पहुंचे तब जाकर विद्यालय खोला गया। प्रधानाध्यापिका रानी शुक्ला तब तक नहीं आयी थी। प्राथमिक विद्यालय पूरे अमेठिया में भी कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला। कहने को तो यहां पर शिक्षकों की फौज है, लेकिन यहां तो तीन बजे से पहले ही विद्यालय को बंद कर दिया गया। दैनिक जागरण टीम 2 बजकर 50 मिनट पर जब विद्यालय पहुंची तो विद्यालय बंद था। जहां पर न तो कोई अध्यापक मौजूद था, और न ही बच्चे मौजूद मिले। आसपास के लोगों ने बताया कि विद्यालय समय से न तो खुलता और न ही बंद होता है। शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र त्रिपाठी ने भी प्राथमिक विद्यालय निबहा का करीब दस बजे निरीक्षण किया। अध्यापकों की लापरवाही को देखते हुऐ वेतन काटने की बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में समय से न आने वाले अध्यापकों पर कार्यवाही की जाएगी।