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मधुबन में कन्हैया जो हमसे मिले

बाराबंकी: महादेवा महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा मुशायरे का आयोजन भी किया गया।

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 12:03 AM (IST)
मधुबन में कन्हैया जो हमसे मिले

बाराबंकी: महादेवा महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा मुशायरे का आयोजन भी किया गया। काफी संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की।कथक नृत्य प्रस्तुत किया : महोत्सव में बाराबंकी की पूर्व डीएम मिनिस्ती एस की आठ वर्षीय पुत्री कुमारी सौंदर्या डिनायर ने कथक नृत्य की अनुपम कला का रोचक प्रदर्शन कर खचाखच भरे पंडाल की तालियों से सम्मान अर्जित किया। बालिका ने अपनी प्रशिक्षिका गुरू रागिनी के साथ भी कथक कला की विभिन्न शैलियों में नृत्य प्रस्तुत कर 'चलते चलते मुझे कोई मिल गया था, सरे राह मिल गया था।' 'मधुबन में कन्हैया जो हमसे मिले, राधा कैसे न मिले।' आदि की याद ताजी कर गई।

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कला का रोचक प्रदर्शन : महादेवा महोत्सव में ग्रामीण युवा लोक कला मंच के जमुना प्रसाद कनौजिया की टीम ने संध्या वंदन करते 'महिमा अपार भोले दुनिया में बखानी', जमुना ने सुनाया 'ऊं नम: शिवाय', जमुना व मुस्कान के युगल स्वर में 'छोड़ गइला चढ़ती जवानी में सैंया', मुस्कान ने नृत्य के साथ सुनाया-'जानकी-जानकी मैं न हूं जानकी', रोहित और वर्षा की जोड़ी ने 'भोला वहां नाचे जहां गंगाजल चढ़ जावे', जमुना, निर्मल, शंभू, विनोद, रामप्रताप, भगौती, भारत ने मंच पर अपनी कला का रोचक प्रदर्शन किया।

नृत्य कार्यक्रम : महोत्सव में फैज मोहम्मद ने लोक कला केंद्र कानपुर की ओर से दहेज, स्वच्छता का महत्व, बालिका शिक्षा आदि पर सुंदर कठपुतली नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जादूगर शंकर ने अपनी जादुई कला का प्रदर्शन कर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। खाली गिलास में पानी भर दिया। गुलाब का फूल हवा में पैदा कर सबके मन को मोह लिया।

कवि सम्मेलन आज : लोधेश्वर महादेवा महोत्सव में 24 नवंबर की रात आठ बजे से अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में देश के लब्ध प्रतिष्ठ कवि वृंद रचना पाठ करेंगे। विकास बौखल, डॉ. अनिल बौझड़ व डॉ. आलोक शुक्ल के संयोजन एवं वरेण्य कवि रामकिशोर तिवारी किशोर के संचालन में होने वाले कवि सम्मेलन में देश के नामचीन गीतकार कुंवर बेचैन, डॉ. विष्णु सक्सेना, डॉ. अर्जुन सिसोदिया, सुरेंद्र सुकुमार, दिनेश गुम्मज, अशोक सुंदरानी, कमलेश मृदु, राधेश्याम भारती, डॉ. आनंद ओझा, फारूख सरल, डॉ. सुमन दुबे, शबीना अदीब, अशोक टाटंबरी, वाहिद अली वाहिद, रामकिशोर तिवारी, गजेंद्र प्रियांशु काव्य पाठ करेंगे।

गजल की प्रस्तुति : भातखंडे संगीत महाविद्यालय लखनऊ के शिक्षक संजय श्रीवास्तव ने गजल की रसधार में श्रोताओं को डुबोया। 'चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वह कौन सा देश जहां तुम चले गए', 'लज्ज्ते गम बढ़ा दीजिए, आप फिर मुस्करा दीजिए, मेरा दामन बहुत साफ है, कोई तोहमत लगा दीजिए।' आदि गजलें पेश कीं।

मुशायरे का आयोजन : महादेवा महोत्सव में आल इंडिया मुशायरा की प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री अर¨वद कुमार ¨सह गोप ने दीप जलाकर शुरूआत की। मौलाना मेराज अहमद की सदारत में व शायर अनवर जलालपुरी की निजामत में हुए मुशायरे का एक बालक की नात से शुरूआत हुई। मुशायरा संयोजक जान मोहम्मद, बीडी खान व मोहम्मद असलम खान आदि ने मुख्य अतिथि गोप, पूर्व विधायक सरवर अली खां, विधायक रामगोपाल रावत, ब्लॉक प्रमुख राघवेंद्र प्रताप ¨सह राजन, नगर पंचायत अध्यक्ष रामशरण पाठक, गजेंद्र ¨सह, डीएम योगेश्वर राम मिश्र, एडीएम पीपी पाल व एएसपी डॉ. ओपी ¨सह, एसडीएम जयप्रकाश का स्वागत किया। राज्यमंत्री ने महादेवा महोत्सव को और तरक्की देने का वादा करते हुए इसमें एसडीएम के प्रयासों को सराहा। शायरा निकहत ने गांव को तरजीह देते हुए सुनाया-'चल मेरे गांव को चल, शहर की भीड़ में रुका नहीं सर पे चूनर', अनवर जलालपुरी ने राह दिखाते हुए कहा-'नफरत की दीवार गिरा कर देखो, अपने दुश्मन को गले लगाकर देखो।' सराही गई। अनिल बौझड़ ने व्यंग्य कसा-'¨हदू होइके दियय बधाई, ईद और रमजान की।', उमर फारूकी ने सुनाया-'जिन्होंने जीते जी सच्चाई का दामन नहीं छोड़ा, खुदा ने उनके हिस्से में सदा सम्मान रखा है।' डॉ. एखलाक ने सुनाया-'हम कभी गोली नहीं खाते हैं, आयतल कुर्सी का दम भरते हैं सो जाते हैं।', माजिद देवबंदी ने सुनाया-'तेरी याद से गाफिल कभी हो जाऊंगा।' अल्ताफ जिया ने कटाक्ष किया-'ये आस्तीन में सांपों को पालने वालों, ये जहर उगल देंगे तेरे खून में।' ताहिर फराज ने सुनाया-'खफा न हो मेरे घर की उदास तनहाई, मैं घर आऊंगा जरा शाम ढलने दो।' जमीर फैजी ने कहा-'समंदर घबरा गया था, जलील अपने हुनर से हुआ है तू।' तरन्नुम, फारूख, आदिल, झंझट, डॉ. एके ओझा, डॉ. कलीम, कैसर, जमील आदि शायरों ने भोर के आगाज तक पूरे कायनात में तालियां बटोरीं।


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